- करीब दो दशक हुए नरियावल में बसाया गया था टीपीनगर

- ट्रांसपोर्टर्स की ना-नुकुर के चलते लटकी योजना

-प्लॉनिंग कमेटी के सामने ट्रांसपोर्टर्स की मांगें रखेगा बीडीए

BAREILLY:

ट्रांसपोर्ट नगर बसाये जाने के दिन से ही विवाद उसका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं, जिसके चलते करीब दशक से योजना फलीभूत होती नजर नहीं आ रही है। पहले शहर से 18 किमी की दूरी रोड़ा बनी तो अब भूखंड का विवाद पीछा नहीं छोड़ रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो ट्रांसपोर्टर्स की मनमानी भरी जिद भारी पड़ रही है। बीडीए शॉप व गोदाम के लिए बड़ा भूखंड दे रहा है तो ट्रांसपोर्टर्स सिर्फ शॉप के लिए जमीन मांग रहे हैं। ट्रांसपोर्टर्स के आगे बीडीए भी बेबस नजर आ रहा है। ऐसे में, भूखंड की साइज में बदलाव किए जाने की बात भी चल रही है। मंडे को इस संबंध में टीपीनगर में बीडीए ने ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक की। भूखंड को छोटा करने के लिए यह मामला ज्वाइंट कमीशन के पास भेजा जा रहा है।

यह था मामला

बीडीए के मुताबिक शहर में दो ट्रांसपोर्टर यूनियन शाहमतगंज और किला में है। 1998 में मास्टर प्लॉन के तहत सिटी में एक नहीं दो ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की बात थी, लेकिन बाद में प्रशासन ने सिटी के सभी ट्रांसपोर्टरों को टीपीनगर में ही शिफ्ट करने की योजना बनाई। ऐसे में वर्ष 2014 में नरियावल से कुछ ही दूरी पर टीपीनगर बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाया गया, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स की मांगों को पूरा न किए जाने से मामला अभी भी फंसा हुआ है।

छोटे भूखंड व सुविधाओं की मांग

शुरुआत में ट्रांसपोर्टर्स ने तभी टीपीनगर जाने की मांग की, जब बड़ा बाईपास फ्लाईओवर चालू हो जाएगा। बड़ा बाईपास शुरू हो गया तो कुछ ट्रांसपोर्टर्स ने शिफ्ट कर लिया। जबकि मैक्सिमम ने ट्रांसपोर्टर्स ने प्लाट अलॉट न होना, टूटी सड़कें, पानी और बिजली की समस्या, सिक्योरिटी, गाडि़यों की मरम्मत सहित तमाम तरह के प्रॉब्लम्स को दूर करने की मांग रखी। ये मांगें ही ट्रांसपोर्ट नगर की राह में रोड़ा बनी हुई है।

तो रिसाइज होंगे भूखंड

बसाए गए ट्रांसपोर्ट नगर में बीडीए की ओर से करीब 40 से 650 स्क्वॉयर मीटर तक के 1075 भूखंड बनाए गए हैं, जिसमें से ज्यादातर भूखंड 200 स्क्वॉयर मीटर से ज्यादा एरिया के हैं, जो कि वर्ष 1998 में हजार रुपए स्क्वॉयर मीटर के थे, जिनकी कीमत अब 6 हजार स्क्वॉयर मीटर से ज्यादा हो गई है। उस दौरान इक्के-दुक्के ही भूखंड बिके थे। वहीं, अब कीमतें बढ़ने से छोटे ट्रांसपोर्टर्स ने बड़े भूखंड को छोटा किए जाने की मांग की। उनके मुताबिक ज्यादातर भूखंड 40 से 60 स्क्वॉयर मीटर में बनाए जाएं और नए सिरे से पंजीकरण की प्रक्रिया हो। ताकि छोटे व्यवसाय करने वाले भी आसानी से भूखंड को खरीदकर शिफ्ट हो सकें।

बाक्स

सिटी को क्लीन करने की योजना

बीडीए अधिकारियों के मुताबिक दोनों ट्रांसपोर्ट यूनियन को मिलाकर सिटी में ट्रांसपोर्टर्स की संख्या करीब 150 के करीब है। सिटी से ओवर ऑल प्रतिदिन 20 हजार ट्रक क्रास करते हैं। जबकि सिटी में ट्रंासपोर्टर्स के करीब 1,000 ट्रकों की एंट्री होती है, जो कि शहर के कुतुबखाना, कालीबाड़ी, पीलीभीत बाईपास, किलापुल, नई बस्ती, शाहमतगंज, माधोबाड़ी और चौपुला में लोडिंग और अपलोडिंग करते हैं। जिनकी वजह से इन एरिया में लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने की योजना थी। इसके अलावा शहर के ज्यादातर एरिया में सड़कों पर अतिक्रमण किए हुए ऑटो मैकेनिक को भी वहां शिफ्ट किया जाना था। ताकि अतिक्रमण कम होने से शहर साफ सुथरा बना रहे।

टीपीनगर में बड़े भूखंड को छोटा करने का काम प्लानिंग कमेटी करेगी। ट्रांसपोर्टर्स की ज्यादातर मांगें मान ली गईं हैं। प्लॉनिंग कमेटी के दिशा-निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। ट्रांसपोर्टर्स के शिफ्ट होते ही अन्य मांगें भी पूरी होगी।

गरिमा यादव, सचिव, बीडीए

ज्यादातर बड़े भूखंड होने की वजह से छोटे ट्रांसपोर्टर्स टीपीनगर नहीं पहुंच सकते। छोटे भूखंड करने की मांग की गई है। वहीं, बीडीए की ओर से टीपीनगर में कोई सुविधा नहीं है, जिसकी वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गुलशन आनंद, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट यूनियन