- जीवन की मुख्यधारा से जुड़े हुए है पेड़-पौधे

BAREILLY:

समय के साथ व्यक्ति के जीवन जीने का तरीका बदलते जा रहा है। इस बदलते जीवन में हम प्रकृति से भी दूर होते जा रहे हैं, लेकिन प्रकृति से यह अलगाव व्यक्ति के जीवन पर भारी पड़ सकती है। जरूरत है तो हमें प्रकृति के प्रति लगाव से जो हमें जीवन जीने का संदेश देती है। हमारे स्वास्थ्य का ध्यान देती हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के ट्री ब्रेक अभियान इस कड़ी में एक छोटा सा प्रयास है कि लोग आगे आए और पौधे लगाए। यह कारवां अब बड़ा रूप लेने लगा हैं। नए मेहमान के स्वागत के लिए शहर के लोगों ने आगे आना शुरू कर दिया है।

पौधे लगाने का जीवन में हो लक्ष्य

ईशान हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ। कौशल कुमार ने थर्सडे को पौधे लगाए। उन्होंने अपने रामपुर गार्डेन स्थिति आवास पर पौधे लगाए। जिसका उन्होंने नाम 'ईशान'रखा। नए मेहमान के आगमन से डॉ। कौशल कुमार काफी खुश दिखे। इनका कहना था कि पेड़-पौधे हमें जीवन देते हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। हमारे जीवन में एक लक्ष्य पौधों को बचाने के लिए भी होना चाहिए। सभी को आगे आने की जरूरत हैं।

जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं पौधे

इंवर्टिस यूनिर्वसिटी के चांसलर डॉ। उमेश गौतम ने भी पौधे लगाए। पौधे लगाने के बाद पानी दिया। नन्हें मेहमान को अपने हाथों से स्वागत किया। नए मेहमान को उन्होंने 'मणिका' नाम दिया। कहा व्यक्ति को जीवन में पौधे जरूर लगाने चाहिए। यह हमें जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। व्यक्ति को स्वस्थ्य रखते हैं। आज के समय में जितनी तेजी से पेड़ कट रहे हैं, उनके अनुपात में लग नहीं पा रहे। जिसके चलते पर्यावरण दूषित होते जा रहा है। पर्यावरण को बचाने के लिए यह आवश्यक है कि पौधे लगाएं।

बीमारियों से दूर रखेगा आरोग्य

एसआरएमएस के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति ने नए मेहमान का भव्य स्वागत किया। पौधे लगाने के बाद काफी खुश दिखे। नन्हें मेहमान का नाम 'आरोग्य' रखा। इनका कहना था जो तमाम बीमारियों से व्यक्ति को दूर रखे वहीं आरोग्य हैं। पेड़ों से निकलने वाला ऑक्सीजन व्यक्ति को जीवन देता है। पर्यावरण यदि शुद्ध रहे तो व्यक्ति हमेशा स्वस्थ्य रह सकता है। ऐसे में हमें आगे आना होगा। सभी को एक संकल्प लेनी होगी कि वह अपने जीवन में पौधे लगाएंगे और उनकी रखा करेंगे।

पेड़-पौधे हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। आज चारों तरफ कंक्रीट का जंगल फैल रहा है। जिसकी वजह से स्थिति बिगड़ती जा रही है। समय रहते हमें कोई ठोस कदम उठानी होगी। तभी हमारा भविष्य सुरक्षित होगा।

डॉ। भ्रमरेश चंद्र शर्मा, पारिजात चैरिटेबल आई हॉस्पिटल