- पिछले साल से हुआ है व्यवस्था में बदलाव

- पहले गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते ही बंद हो जाती थी गोमुख तक आवाजाही

- ट्रैकिंग एजेंसी और स्थानीय लोगों द्वारा की गई थी नई व्यवस्था की मांग

UTTARKASHI: गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। लेकिन, सैलानी क्भ् नवंबर तक गोमुख तक ट्रैकिंग कर सकेंगे। पहले गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते ही गोमुख ग्लेशियर के लिए सैलानियों का आवागमन भी बंद कर दिया जाता था। लेकिन, ट्रै¨कग एजेंसी तथा स्थानीय लोगों की मांग पर शासन ने पिछले साल गंगोत्री नेशनल पार्क के गोमुख व नेलांग क्षेत्र में प्रवेश को लेकर समय तय किया था।

गंगोत्री से क्8 किमी दूर है गोमुख

गंगा नदी का उद्गम गोमुख गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकार क्षेत्र में पड़ता है। गंगोत्री से गोमुख की दूरी करीब क्8 किलोमीटर है। गोमुख के निकटवर्ती क्षेत्र में तपोवन, नंदनवन, का¨लदी पास के साथ शिव¨लग, भागीरथी प्रथम, द्वितीय, तृतीय सहित कई चोटी हैं। यहां जाने के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क की अनुमति लेनी पड़ती है। बीते वर्ष तक गंगोत्री धाम के कपाट खुलते थे। उसी दिन गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट भी सैलानियों के लिए खोल दिये जाते थे साथ ही जिस दिन गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होते थे उसी दिन गोमुख के लिए भी सैलानियों की आवाजाही बंद कर दी जाती थी।

पिछले साल से बदली व्यवस्था

स्थानीय लोग और टूर ऑपरेटर्स की गुजारिश पर पिछले साल गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसके बाद गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट इस साल क्भ् अप्रैल को खुल गए थे। यह भी तय था कि क्भ् नवंबर तक इस इलाके में ट्रैकर्स ट्रैकिंग कर सकेंगे। गंगोत्री नेशनल पार्क के निदेशक श्रवण कुमार ने बताया के गोमुख, नेलॉन्ग जाने वाले टूरिस्ट्स के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट क्भ् नंवबर तक खुले रहेंगे। इस दौरान गोमुख के साथ-साथ कई और स्थानों तक टूरिस्ट ट्रैकिंग के लिए जा सकेंगे।