बाकरगंज में कूड़े के टीले, नया ट्रेचिंग ग्राउंड न होने और प्लांट का बंद होना दिक्कत

BAREILLY:

बरेली में जनवरी के आखिर में शुरू हो रहे स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में पास होने के लिए नगर निगम के सामने तीन बड़ी चुनौतियां आड़े आ रही हैं। शहर की सफाई व्यवस्था पर मिलने वाले अंकों के लिए निगम ने खुद को मुस्तैद तो कर लिया है, लेकिन इन तीन चुनौतियों से पार पाने का निगम के पास फिलहाल कोई उपाय नहीं है। यह तीन बड़ी चुनौतियां बाकरगंज में कूड़े के टीले, बभिया में नया ट्रेंचिंग ग्राउंड न बन पाना और रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का बंद होना है, जिससे शहर से रोजाना निकलने वाले 350 मीट्रिक टन कूड़े के सुरक्षित डिस्पोजल को लेकर पेंच फंसा हुआ है। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण करने आ रही टीम के लिए इन चुनौतियों के चलते बरेली के अंक काटना कोई मुश्किल न होगी।

निगम की तीन मजबूरी

केन्द्र सरकार की ओर से देश भर में 320 जिलों के 500 शहरों में 4 जनवरी से स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 की शुरुआत की गई है। इसी कवायद में केन्द्र सरकार की टीम 29 से 31 जनवरी तक बरेली में सफाई व्यवस्था का सर्वे करेगी। इस सर्वे में पास होने के लिए निगम के सामने जो तीन चुनौतियां हैं, उनके पीछे 3 बड़ी मजबूरियां भी हैं। प्लांट पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की आपत्ति के चलते एनजीटी ने रोक लगाई हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल मामला चल रहा है। वहीं बभिया में नए ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने के लिए बोर्ड व शासन से मंजूरी मिलने के बावजूद 8 हेक्टेयर जमीन की खरीद न हो सकी है। वजह डीएम के स्तर से जमीन खरीद की प्रक्रिया नहीं पूरी की जा सकी। वहीं प्लांट बंद होने व नया ट्रेंचिंग ग्राउंड न बनने पर बाकरगंज में कूड़े के टीले बन जाने के बावजूद रोजाना शहर का कचरा डंप करना भी निगम के लिए मजबूरी बना हुआ है।

----------------------