आठ आरोपियों में एक नाबालिग का नाम भी है शामिल
जम्मू (प्रेट्र)। जम्मू कश्मीर के कठुआ कांड को लेकर देश में न्याय की मांग उठ रही है। ऐसे में इस मामले में क्राइम ब्रांच ने जो चार्टशीट फाइल की है उसमें आरोपियों में एक किशोर भी शामिल है। कथुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के मुताबिक इस चार्टशीट में शामिल आठ लोगों में कानून के मुताबिक सत्र न्यायालय को सिर्फ सात लोगों का नाम भेजा गया है। वहीं बाकी बचे आठवें किशोर आरोपी को लेकर अधिकारियों का कहना है कि इसे किशोर अधिनियम के तहत नामित अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने इसे पेश किया जाएगा। यहां पर किशोर के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।

क्राइम ब्रांच द्वारा फाइल चार्टशीट में ये हैं आठ आरोपी
क्राइम ब्रांच द्वारा फाइल की गई चार्टशीट के मुताबिक सांजी राम, स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया, स्पेशल पुलिस ऑफिसर सुरिंदर कुमार वर्मा,परवेश कुमार उर्फ ​​मन्नू, राम का भतीजा नाबालिग और  उसका पुत्र विशाल जंगोतरा उर्फ ​​शामा इसमें शामिल है। इन सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जा चुका है। वहीं इसके अलावा इसमें दो अन्य पुलिकर्मी भी हैं जिन्होंने आरोपियों की मदद की थी। एसआई आनंद दत्ता और हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज को मामले की जानकारी होने और रिश्वत लेकर इसे रफा-दफा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

सरकारी अभियोजकों के रूप में दो सिख हुए नियुक्त

वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार का प्रयास है कि इस मामले को हिंदू-मुस्लिम से जोड़ने की बजाय सिर्फ पीड़िता को न्याय दिलाने के नजरिए से देखा जाए। शायद तभी यहां की सरकार ने इस संवेदनशील मामले में मुकदमे के लिए दो विशेष सरकारी अभियोजकों को नियुक्त किया है। खास बात तो यह है कि ये दोनों ही सिख हैं। बतादें कि जम्मू सरकार के इस कदम को हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण के मद्देनजर इस मामले में स्पष्टता बरकरार रखने की दिशा में देखा जा रहा है। इस मामले तेजी तब आई जब जम्मू बार एसोसिएशन और कठुआ बार एसोसिएशन को हाल ही में बीते 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी बार एसोसिएशन को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इन इनके कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने को लेकर ऐतराज जताया था। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की आलोचना की थी। उनका कहना था कि बार एसोसिएशन एक सामूहिक निकाय है। ऐसे में इसका कर्तव्य है कि वे कानून की प्रक्रिया में किसी भी रूप से बाधा न उत्पन्न होने दे। इसके बाद ही कठुआ बार एसोसिएशन ने आरोपियों का मुकदमा फ्री में लड़ने वाला प्रस्ताव भी वापस लिया था।

10 जनवरी को हुआ था मासू बच्ची का अपहरण
गौरतलब है बीती 10 जनवरी को कठुआ में 8 साल की बच्ची गायब हो गई थी। परिजनों ने अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद  7 दिन बाद बच्ची का शव जंगल से बरामद हुआ। उसके साथ गैंगरेप हुआ था। 23 जनवरी को क्राइम ब्रांच की टीम ने इसकी जांच शुरू की। 9 अप्रैल को आई इसकी चार्टशीट में 8 आरोपी हैं। ऐसे बार ऐसोसिएशन कठुआ के वकीलों ने चार्टशीट कर सीबीआई जांच की मांग की। न्याय की मांग में लोग सड़कों पर उतर आए। हालांकि सु्प्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बार एसोसिएशन ने मामले से थोड़ी दूरी बनाई जिसके बाद कानूनी प्रकिया शुरू हो गई।

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जम्मू (प्रेट्र)।

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