-एनएलयू में जनजातीय शासन व विकास पर सेमिनार का आयोजन, गवर्नर ने कहा

RANCHI : एनएलयू में जनजातीय शासन व विकास पर आयोजित संगोष्ठी में राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड भारत के संविधान की पांचवी अनुसूची में शामिल है। ओडि़शा और छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड में भी काफी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग रहते है। इसलिए छोटानागपुर और इसके आसपास के क्षेत्र प्राचीन काल से ही आदिवासी हब के रूप में जाने जाते है।

आदिवासियों की मूल सोच के पास है हमारा समाज

उन्होंने कहा कि छोटानागपुर और आसपास के क्षेत्रों को बिना किसी कारण के सामाज्य के नियंत्रण के अधीन नहीं किया गया, क्योंकि यहां आदिवासी न्यायशास्त्र निहित है। पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि हमारा समाज आदिवासियों की मूल सोच के इर्द गिर्द ही बसा है। आदिवासियों की आज की लड़ाई स्वायत शासन के लिए है, जो उनसे छीनने की कोशिश की जा रही है। भारत में दो तरह की धाराएं है। इसमें एक धारा हमारी पाश्चात्य सभ्यता को अपनाने को लेकर है।

जनजातीय विकास बड़ी समस्या : वीसी

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.बीसी निर्मल ने कहा कि जनजाति के अधिकार खास तौर पर उनके उत्थान और विकास की बात हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है। उन्होंने कहा कि भारत की कुल आबादी का 8.ख् परसेंट जनजाति आबादी है। यूनिसेफ के कुमार प्रेमचंद ने इस संगोष्ठी के बारे में बताया कि दो दिवसीय इस सेमिनार में आदिवासियों और जनजातीय के हित के संबंध में निष्कर्ष ि1नकलेगा।

देश के निर्माण में शिक्षकों का अहम योगदान

आरटीसी बीएड एडिशनल डीएलएड कालेज में शुक्रवार को टीचर्स डे मनाया गया। जिसमें चीफ गेस्ट के रूप में कालेज के अध्यक्ष प्यारे लाल महतो, सचिव डॉ.पारस नाथ महतो, कोषाध्यक्ष डॉ.आरएन महतो आदि मौजूद थे। चीफ गेस्ट की मौजूदगी में प्रिंसिपल डॉ.एस कृष्णा कुमारी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद स्टूडेंट्स ने अपनी परफार्मेस से लोगों का दिल जीत लिया। इस मौके पर डॉ.पारस ने कहा कि शिक्षक देश के निर्माता होते है। इस मौके पर काफी संख्या में टीचर्स और स्टूडेंट्स पे्रजेंट थे।