छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू) के ट्राइबल रीजनल लैंग्वेज डिपार्टमेंट (टीआरएल) की ओर से एक बार फिर बड़े पैमाने पर जनजातीय भाषा की किताबों का प्रकाशन होगा, इसकी तैयारी की जा रही है। इसके लिए विवि के संबंधित विभाग को ग्यारह प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें हो भाषा, संथाली भाषा तथा कुड़माली भाषा की पुस्तकें शामिल हैं। विवि प्रशासन जुलाई माह में प्रथम चरण में पांच पुस्तकों का प्रकाशन करने जा रहा है। इसके लिए राजभवन से अनुमति प्राप्त की जा रही है। इसमें हो-भाषा की दो किताबें वारांगक्षिति लिपि में तथा संथाली भाषा की भी दो किताबें ओलचिकी लिपि में तैयार की गई हैं। जानकारी विवि के प्रवक्ता डॉ अशोक कुमार झा ने दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले विवि की ओर से एक साथ नौ पुस्तकों का प्रकाशन कराया गया है।

इन भाषाओं की किताबें होंगी पब्लिश

संथाली भाषा : 04

हो भाषा : 03

कुड़माली : 04

दूसरे चरण में पांच किताबें होंगी पब्लिश

कुरमाली : एक

हो : दो

संथाली : दो

नहीं है कोई जानकारी

कोल्हान यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जानकारी दी गई है कि फिलहाल विवि में देवनागरी के नाम से कोई भी नया विभाग खोलने का प्रस्ताव विवि के विचाराधीन नहीं है। विवि के प्रवक्ता डॉ एके झा ने कहा कि इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का कोई भी पत्र अब तक विवि को प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन की ओर से फिलहाल इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।