-पेशावर में आर्मी स्कूल में दिल दहलाने वाले आतंकवादी हमले के सदमे से शहर के स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे के चेहरे पर दिखी दहशत, मौन रखकर ईश्वर से मांगी दुआ

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KANPUR: नाम- दिव्य आनंद, उम्र-ब् साल, क्लास-केजी, स्कूल-ओंकारेश्वर सरस्वती विद्यानिकेतन, जगह-स्कूल ऑडिटोरियम। ये बच्चा असेंबली के समय अपने टीचर के पास आता है और निवेदन करता है कि पेशावर में आतंकी हमले में इस दुनिया से गए बच्चों की आत्मा की शांति के लिए महामृत्यंजय मंत्र का जाप कर लूंमां ने कहा थाये जाप करने से इस दुनिया से गए प्यारे बच्चों की आत्मा को शांति मिलेगी और पूरी दुनिया के बच्चों की सुरक्षा भगवान करेंगे। चार साल के बच्चे की इन शब्दों को सुनकर टीचर कुछ कह नहीं पाए और उन्होंने सिर हिला दिया। उनका ये कहना था कि वो बच्चा बिना रुके महामृत्यंजय मंत्र के वो श्लोक पढ़ने लगा जिसको पढ़ने के लिए बड़े-बड़े विद्वान चकरा जा सकते हैं। असेंबली में खड़ा हर कोई स्तब्ध रह गयाशायद दूसरे शब्दों में वो बच्चा ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहा था कि आतंकवाद को इस दुनिया से खत्म कर दे.सिटी के हर स्कूल में 'भगवान के स्वरूप' पर पेशावर में हुई हैवानियत की ऐसी दहशत देखने को मिली जिसको देखकर हर किसी की आंखें नम हो जाएं फिर वो पैरेंट्स हों या फिर टीचर

हे ईश्वर ये पुकार सुन ले

दिव्य आंनद के महामृत्यंजय मंत्र के जाप करने के बाद ओंकारेश्वर स्कूल में ऑडिटोरियम में सन्नाटा छा गया। हर किसी की निगाहें उस नन्हें बच्चे की ओर थीं। करीब भ्0 सेकेंड तक ऑडिटोरियम में खड़े ख्00 बच्चों में से किसी के मुंह से आह तक नहीं निकली। फिर जैसे ही प्रिंसिपल राममिलन सिंह ने बच्चों को पेशावर में हुई दर्दनाक घटना पर दो मिनट का मौन रखने को कहाहर बच्चे का सिर झुक गया, और कुछ की आंखें झुकीं और कुछ की आंखें नम हो गई। उनको शायद उस दर्द का एहसास हो गया जो उन्हीं के उम्र के बच्चों ने पेशावर में झेला। हर बच्चे के चेहरे पर दहशत देखने को मिली।

'सर, उन लोगों ने बच्चों को मार दिया'

असेंबली में कुछ बच्चे ऐसे भी थे जो टीचर के पास आए और फिर बोले, सर वहां यानि पेशावर में बच्चों को मार दिया गया। वो लोग कौन थे? वो बहुत गंदे थे? मां कहती है कि बच्चों को मारना नहीं चाहिए। उनको प्यार करना चाहिए.अब ऐसे में टीचर उन बच्चों को क्या उत्तर देते.खैर, उन्होंने कहा कि बेटा वो हैवानियत आतंकवादियों ने बरपाईइतना सुनते ही कई बच्चे एक साथ बोल पड़े, ये आतंकवादी सबको मार देते हैंबहुत गंदे होते हैं। कुछ ऐसे ही प्रश्न उन नन्हे-मुन्नो ने किए जिनको ये नहीं मालूम की आंतकवादी कौन होते हैं? और ऐसा क्यों करते हैं?

प्रेयर कर मांगी दुआ

हडर्ड स्कूल में असेंबली के दौरान स्टूडेंट्स की आंखें नम दिखीं। सैकड़ों बच्चों ने दो मिनट का मौन रखकर आतंकियों का निशाना बने बच्चों के लिए दुआ मांगी। सैकड़ों बच्चों का सिर झुका था और चेहरे पर दहशत के साथ गुस्सा भी था कि उनके जैसे मासूम बच्चों को उन्होंने निशाना क्यों बनाया? कई स्टूडेंट्स से आई नेक्स्ट ने बात की तो उनका यही कहना था कि यह घटना मानवता पर कलंक है। केडीएमए में बच्चों ने हाथों में मोमबत्ती लेकर मासूमों की आत्मा की शांति लेकर दो मिनट का मौन रखा। इस मौके पर स्कूल के टीचर्स और प्रिसिपल भी मौजूद रहे।