-कमिश्नर ने एआईजी को दिए हैं फर्जी रजिस्ट्री रद करने के आदेश

- आदेश के बाद रजिस्ट्री रद कराने एआईजी कार्यालय पहुंचे लोग

- इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, एआईजी को पावर नहीं

Meerut : फर्जी दस्तावेजों और छल कपट से कराई गई रजिस्ट्री को रद करने का अधिकार सहायक महानिरीक्षक निबंधन (एआईजी स्टांप) को नहीं है। यह सिविल कोर्ट के फैसले के ही अधीन होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 4 दिसंबर 2017 के इस आदेश के परिपेक्ष्य में स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग इस पसोपेश में है कि वो हाईकोर्ट का आदेश माने या कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार का। बता दें कि गुरुवार को कमिश्नर ने मंडल के सभी जिलाधिकारियों को एक आर्डर जारी कर निर्देश दिए कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराई गई रजिस्ट्री एआईजी स्टांप द्वारा रद की जाएगी।

मेरठ के एक केस पर आदेश

छदम व्यक्ति को खड़ा कर फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी (मुख्तारनामा) बनाकर मेरठ में बड़ी धोखाधड़ी हुई है। भू-माफिया ने नगर निगम वार्ड-13 में स्थित मोहल्ला जयभीमनगर को फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेज बनाकर 50-60 लोगों के बीच बेच डाला। स्याना (बुलंदशहर) निवासी महिला मधु त्यागी ने इस संपत्ति पर दावा किया तो 17 सितंबर 2008 को कोर्ट ने मुख्तारनामा निरस्त कर दिया था। तब से महिला अपनी संपत्ति पर कब्जे के लिए चक्कर काट रही है। क्योंकि छदम पॉवर ऑफ अटार्नी की बिना पर भू-माफिया ने इस संपत्ति को कई लोगों में बेचा, जिसकी रजिस्ट्री सब रजिस्ट्रार कार्यालय से हुई। ऐसे में कमिश्नर ने मामले को संज्ञान में लेकर सरकार के 2013 के शासनादेश का हवाला देकर एआईजी स्टांप को सभी रजिस्ट्रियां रद करने के आदेश दिए हैं।

फंस गया कानूनी पेंच

कमिश्नर का आदेश मंडल के सभी जनपदों के डीएम के साथ ही एआईजी स्टांप (मेरठ) संजय श्रीवास्तव के समक्ष भी पहुंचा। इस प्रकरण में कानूनी पेंच फंस गया है।

जरा समझ लें

हाईकोर्ट इलाहाबाद ने केस नंबर 51689/2016 कृष्ण कुमार सक्सेना बनाम स्टेट ऑफ यूपी में चली लंबी सुनवाई के बाद 4 दिसंबर 2017 को एक आर्डर जारी किया जिसमें यूपी सरकार के 13 अगस्त 2013 के उस शासनादेश को खारिज कर दिया जिसमें एआईजी स्टांप को फर्जी रजिस्ट्री रद करने के अधिकार दिए गए थे। हाईकोर्ट की अजय भनोट और तरुण अग्रवाल की डबल बेंच ने फैसला देते हुए कहा कि एआईजी स्टांप को किसी भी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में वाजिब स्टांप चार्ज करने का अधिकार है। शिकायत पर जांच भी कर सकेंगे किंतु रजिस्ट्री रद करने का अधिकार सिविल कोर्ट का ही है।

इनसेट

दिनभर लगा रहा तांता

एआईजी स्टांप द्वारा फर्जी रजिस्ट्री रद करने संबंधी कमिश्नर के आदेशों की जानकारी के बाद शुक्रवार को कलक्ट्रेट स्थित रजिस्ट्री विभाग में शिकायतकर्ताओं का तांता लगा रहा। हालांकि एआईजी स्टांप ने कहा कि वे इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बात कर रहे हैं। विभागीय निर्देशों का अनुपालन होगा।

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13 अगस्त 2013 के शासनादेश के आधार पर सभी जनपदों के डीएम को आदेश जारी किए गए हैं। यदि इस संबंध में हाईकोर्ट का कोई आदेश है तो उसका विधिक परीक्षण करा लिया जाएगा।

-डॉ। प्रभात कुमार, कमिश्नर