- मेरठ में कोई नहीं भूल पाता डॉक्टर भूपाल सिंह का नाम

- मरीजों के रक्षक व गरीबों के सहायक थे डॉक्टर भूपाल

Meerut : जब हम भूले-बिसरे जन सेवकों व मातृभूमि पर अपना सब कुछ न्यौछावर करने वालों को याद करते हैं, तो एक नाम डॉक्टर भूपाल सिंह का भी याद आता है। डॉक्टर भूपाल गरीबों के मददगार थे। वो जहां अपने पेशे से एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे, वहीं स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी जाने जाते थे। गांधी युग में पंडित प्यारे लाल शर्मा, डॉक्टर करोली व डॉक्टर भूपाल की मित्रता बेजोड़ थी। वह अपने पेशे से उच्च कोटी के ख्याति प्राप्त जनसेवक थे। भूपाल सिंह का जन्म क्9 फरवरी क्880 में हुआ था। वह मेरठ के तिलक रोड पर रहने वाले थे। वह न केवल मेरठ में बल्कि पूरे पश्चिमी यूपी में ख्याति प्राप्त नाम थे।

जनसेवा में लगा दिया पूरा जीवन

डॉक्टर भूपाल सिंह के लिए चिकित्सा पेशा कोई धन उपार्जन का साधन नहीं था। इतिहासकार व प्रमुख लेखक धर्म दिवाकर ने बताया कि जनसेवा, पीडि़त और दर्द से बेचैन लोगों का दर्द मिटाना डॉ। भूपाल का नैतिक धर्म था। वह गरीबों की बेहद मदद करते थे, नि:स्वार्थ भाव के साथ व नि:शुल्क रूप से गरीबों की मदद में आगे रहते थे। वह एक ऐसे निर्भिक डॉक्टर थे जो घोड़े पर बैठकर अपने मरीजों को सुबह देखने जाया करते थे। यदि कोई गरीब मरीज दूर गांव में भी रहता था, तो उसकी चिकित्सा सेवा में वह देर रात भी निर्भिकता के साथ जाया करते थे। केवल यही नहीं वह नि:शुल्क दवाएं भी देने में पीछे नहीं हटते थे। मरीजों का भी उनमें बेहद विश्वास हुआ करता था। निराश से निराश मरीज जब भूपाल सिंह क्लीनिक में आता था, तो उसे विश्वास होता था कि वह अब वहां से ठीक ही होकर जाएगा। आज के युग में चिकित्सा में जहां व्यवसायिकता ज्यादा नजर आता है। वहीं यदि भूपाल सिंह को याद किया जाए तो उस आदर्श की याद दिलाता है, जहां डॉक्टर को मरीजों का भगवान माना जाता था।

स्वतंत्रता सेनानियों के रहे मददगार

डॉ। भूपाल सिंह वो नाम है जो स्वतंत्रता सेनानियों की मदद भी करते रहे। स्वयं पंडित जवाहर लाल नेहरू, चौधरी चरण सिंह, चौधरी विजय पाल सिंह व प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व उच्च कोटी के राजनीतिक उन्हें अपना हितैषी मानते थे। ये सभी लोग इनका बेहद सम्मान करते थे। कोई भी बड़ा आंदोलन डॉक्टर भूपाल सिंह के सहयोग के बिना आगे नहीं बढ़ पाता था। यहां तक की समस्त स्वतंत्रता सेनानी जो जेलों में बंद थे, उनके परिवारों की मदद में भी इनकी पूरी भागीदारी रहती थी।

शिक्षा के क्षेत्र में भी करते रहे मदद

डॉ। भूपाल सिंह ने न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में मरीजों की सेवा करते रहें, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में इनका बेहद सहयोग रहा है। इन्होंने अनेकों छात्रों की शिक्षा में मदद की थी। शिक्षा के उस काल में कई छात्र ऐसे थे जो विश्वविख्यात हुए, जिनकी पढ़ाई को उनके करियर की सफलता तक पहुंचाने में भी डॉ। भूपाल का काफी सहयोग रहा। उनके ही आर्थिक सहयोग से विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक भी बने। कमला चौधरी, रघुवीर नारायण सिंह, प्रकाशवती सूद उनके प्रमुख साथियों में से थे। आज हम भूपाल सिंह को याद करते हुए अपनी श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। जो जनसेवक के रूप में काम करते हुए ही मेरठ की यादों में बस गए।

आज भी है भूपाल नर्सिग होम

उनके द्वारा बनाया गया चैरिटेबल हॉस्पिटल भूपाल नर्सिग होम में आज भी सैकड़ों लोग इलाज के लिए आते हैं। यही नहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन नामक बनाया आईएमए हॉल जहां आज भी तमाम चिकित्सा संबंधित योजनाएं तय की जाती है। इस हॉल में बसी डॉक्टर भूपाल की यादें आज भी हमें उनकी याद दिलाती है।