सारी सेवा बंद हो गई

जानकारी के मुताबिक 21 अगस्त को वेबसाइट पॉलिटवूप्स ने शुक्रवार की रात ओपन स्टेट फाउंडेशन को अवगत कराया है कि ट्वीटर ने उसे पूरी तरह से ब्लाक कर दिया है। ओपन स्टेट फाउंडेशन का कहना है कि उसने नीदरलैंड में 2010 में पॉलिटवूप्स की सर्विस शुरू की थी। जिससे उसे हाल ही में पॉलिटवूप्स ने इसकी जानकारी दी है कि ट्वीटर ने उसे करीब 30 देशों से ब्लॉक कर दिया है। उसकी साइट पर ऐक्सेस की सारी सेवा बंद हो गई है। सूत्रों की मानें तो ट्विटर ने इस साइट की ऐप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस सेवा को भी समाप्त कर दिया है, क्योंकि  पॉलिटवूप्स वेबसाइट नेताओं की गलतियों को अपने पास सेव करती थी। यह जब भी कोई नेता कई बार कुछ गलत ट्वीट कर जाता या फिर अपने ट्वीट में सुधार करना चाहता था तो भी यह उसकी गलती को सेव रखती थी। यानी की नेताओं के साइट पर डिलीट करने के बाद भी यह उसे देखकर उसे कई बार बतौर सबूत पेश करती थी।

रिकॉर्ड मुद्दा बन जाता

ऐसे में डिप्लोटवूप्स साइट की इस गलती देखने वाली तकनीक से नेताओं पर कई बार बेतुकी खबरें भी बनती थीं। अक्सर निर्वाचित नेता जो भी कहते थे वह पब्लिक रिकॉर्ड का मुद्दा बन जाता था। वहीं इस सबके पीछे सोशल मीडिया साइट ट्वीटर का मानना है कि उसने यह कदम यूजर्स की गोपनीयता और उनके अधिकारों को बरकरार रखने के लिए किया है। वह अपने यूजर्स के बीच किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं करना चाहता है। हर यूजर को अपने ट्वीट डिलीट करने का अधिकार है। यानी कि जिस तरह से वह अपने दिल की भावनाओं को ट्वीट के जरिए व्यक्त कर सकता है उसी तरह वह अपनी किसी गलती को सुधार भी सकता है।

Hindi News from Technology News Desk

Technology News inextlive from Technology News Desk