- एक को ई रिक्शा तो दूसरे को लोडिंग रिक्शा ने लिया चपेट में

आगरा। दो अलग-अलग स्थानों पर हुई दुर्घटनाओं में दो मासूम बच्चों की जान चली गई। एक मामले में परिजनों ने हॉस्पिटल पर रुपये लेने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत किया। बच्चों की बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजा।

मामी के साथ पानी भरने जा रहा था

मूलरूप से फीरोजबाद निवासी चार वर्षीय नवीन उर्फ आर्यन पुत्र राजो नुनिहाई में नानी श्रीदेवी पत्नी रक्षपाल के यहां पर आया हुआ था। वह इकलौता बेटा था। शुक्रवार सुबह वह मामी राधा पत्नी अरुण के साथ पानी भरने घर से 30 कदम की दूरी तक गया। एक बेकाबू ट्रक ने लोडिंग रिक्शे में टक्कर मार दी। रिक्शे ने नवीन सहित कई को चपेट में लिया। नवीन की मौके पर मौत हो गई, जबकि उसके रिश्ते का भाई मदन व पड़ोसी सौरभ घायल हो गए।

ई रिक्शा की चपेट में आने से मौत

पहाड़गंज, दिल्ली निवासी छह वर्षीय प्राची पुत्री सूरज रक्षाबंधन पर मां गीता के साथ ननिहाल रुई की मंडी जोगीपाड़ा आई हुई थी। शुक्रवार सुबह नौ बजे वह मां के साथ मार्केट जा रही थी। उस दौरान एक बेकाबू ई-रिक्शे ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय लोग उसे नजदीक के हॉस्पिटल में ले गए। परिजनों से पांच हजार रुपये जमा करा लिए। उसकी मौत हो चुकी थी फिर भी रुपये जमा कराए। साथ ही 15 हजार रुपये और मांगे जा रहे थे। इससे गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर हंगामा कर दिया। पुलिस ने किसी तहर लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। मामले में समझौता कराया।

हॉस्पिटल की लापरवाही से अबोध की मौत

एटा, बरौलिया निवासी देवेंद्र ने 16 जुलाई को पत्नी चंचल को रामबाग स्थित हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। ऑपरेशन से पत्नी ने बेटे को जन्म दिया, लेकिन उसकी तबियत खराब हो गई। बेटे को उपचार के लिए नजदीक ही एक चाइल्ड स्पेशिलिस्ट के यहां पर एडमिट कराया गया। यहां पर पहले तो बच्चे की हालत में सुधार बताया गया। गुरुवार की रात 12 बजे बच्चा रो रहा था। इस पर देवेंद्र ने मौजूद एक स्टाफ से कहा तो उसने अनसुना कर दिया। रात में बच्चे को दो इंजेक्शन दिए गए। बच्चे के शरीर पर लाल रंग के निशान पड़ गए। स्टाफ ने चेक कर बोला कि कोई दिक्कत नहीं। शुक्रवार सुबह बच्चा बेहोश पड़ा था। फिर भी स्टाफ उसे ठीक बताता रहा। देवेंद्र ने जाकर चेक किया तो बच्चे की मौत हो चुकी थी। इसके बाद उसे ऑक्सीजन आदि लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। परिजनों ने हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाया, लेकिन थाने में कोई शिकायत नहीं की।