-रोजगार दिलाने के नाम पर लड़की को दिल्ली ले जा रहे थे

-हरियाणा के सोनीपत से आया था सुरेंद्र

RANCHI: रोजगार दिलाने के नाम पर सिमडेगा के करसई इलाके से एक लड़की को ले जा रहे युवक समेत युवती को सिमडेगा एएचटीयू की प्रभारी ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया युवक सुरेंद्र हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। उसके साथ ओडि़शा के राजगंगापुर की सविता कुजूर भी गिरफ्तार कर ली गई हैं। दोनों एक लड़की को नौकरी दिलाने के बहाने दिल्ली ले जाने की तैयारी में थे। इसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपियों को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस उन लोगों से पूछताछ कर रही है।

सविता भी तस्करी की शिकार

सिमडेगा पुलिस ने जिस सविता कुजूर को पकड़ा है। वह खुद मानव तस्करी की शिकार है। खुद को बचाने और कमाने के लिए इस कार्य में शामिल हो गई। मानव तस्करी की शिकार ऐसी युवतियां दलाल के रूप में काम करती हैं। ये बाहर से आने के बाद अपने रहन-सहन और पहनावे से दूसरों को आकर्षित करती हैं। उन्हें अमीरों जैसा जीवन जीने के लिए महानगरों की ओर जाने के लिए उकसाती हैं।

दो साल में 50 फीसदी बढ़ी मानव तस्करी

विभिन्न रिपोर्टो को आधार मानें, तो ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े दर्ज मामले 2015 में 2013 की अपेक्षा 50 प्रतिशत बढ़ गए। पुलिस रिकॉर्ड में 2013 में कुल 96 मामले झारखंड में दर्ज हुए, जबकि साल 2014 में यह बढ़ कर 147 हो गया। सर्वाधिक 42 मामले गुमला जिले में दर्ज किए गए। वहीं 23 मामले खूंटी में दर्ज हुए। सबसे अहम बात यह है कि हर वर्ष इसमें बढ़त देखने को मिल रही है। साल 2004 में पूरे झारखंड़ में सिर्फ दो मामले दर्ज किये गए। साल 2012 में 83, 2013 में 96 और 2014 में 147 तक मामला पहुंच गया।

ऐसे फंसाते हैं (बॉक्स)

कई प्लेसमेंट एजेंसियां झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों की अशिक्षित या कम पढ़ी-लिखी किशोरी व युवतियों को बड़े शहरों व महानगरों की राह दिखाती हैं। प्रलोभन व गरीबी की मार झेल रही ये युवतियां इनके झांसे में आकर बिचौलियों के चंगुल में फंस जाती हैं। कहा जा सकता है कि झारखंड में मानव तस्करी का पांव बड़े स्तर तक पसरा हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पड़ रहा है। मानव तस्करी का मुख्य उद्देश्य यौन शोषण व बंधुआ मजदूरी है।

इन जिलों से तस्करी

झारखंड के गुमला, चाईबासा, गढ़वा, खूंटी, रांची, सिमडेगा, साहेबगंज, लोहरदगा, गोड्डा और लातेहार जिले की युवतियां झांसे में आकर एजेंटों के चंगुल में फंसती रही हैं।

यहां बिक रहीं बेटियां

दिल्ली के साकेत नगर, नोयडा जैसे कई अन्य बड़े इलाके, पंजाब के मानसा, संगरूर, मलेर कोटला, नवांशहर और लुधियाना, मानसा जिले का गांव मघानिया में ज्यादातर लड़कियों की तस्करी हो रही है। वहीं, हरियाणा के साथ अब ट्रैफिकिंग का जाल मुंबई, बेंगलुरू, राजस्थान सहित केरल तक पहुंच गया है।