GORAKHPUR: विदेश में नौकरी पाने के युवकों के सपनों से जालसाज खेल रहे हैं। रविवार को सैकड़ों युवकों को विदेश भेजने के लिए इंटरव्यू ले रही नकली कंपनी पकड़ी गई। असली कंपनी के अधिकारी की शिकायत पर एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए दो लोगों को अरेस्ट किया। उनके पास से सौ से अधिक युवकों के पासपोर्ट बरामद हुए। युवकों ने कहा कि पासपोर्ट जमा कराने के बाद वह लोग इंटरव्यू लेने वालों के हाथ की कठपुतली बन जाते। युवकों का पासपोर्ट लौटाकर एसटीएफ टीम मामले की जांच में जुटी है। इंस्पेक्टर अशोक सिंह ने बताया कि असली कंपनी के अधिकारी की शिकायत पर कार्रवाई की गई, जिसमें हकीकत सामने आई। इस रैकेट से जुड़े लोगों की तलाश के लिए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

 

पंजाब में कंपनी का असली ऑफिस

देश के बेरोजगार युवकों को विदेश में नौकरी दिलाने के लिए एक फर्म काम करती है। पंजाब में फर्म का ऑफिस है। वहां उसके जीएम बैठते हैं। शहर के कुछ लोगों ने उसी फर्म की फ्रेंचाइजी लेकर देवरिया रोड, सिघडि़यां में ऑफिस खोला है। दो दिन पहले उसी कंपनी के नाम पर विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इंटरव्यू देने के लिए रविवार को सैकड़ों लोग पहुंचे। सभी को अमरूदमंडी के पास ऑफिस पर बुलाया गया। राजघाट एरिया के अमरूदमंडी में ऑफिस बनाकर दो लोग इंटरव्यू ले रहे थे। भीड़ को काबू करने के लिए ऑफिस के बाहर तीन बाउंसर खड़े किए गए थे। सुबह से ही इंटरव्यू लेने का क्रम शुरू हो गया.

 

सन्नाटा देख ठनका माथा

पंजाब में बैठने वाले कंपनी के अधिकारी पंकज कुमार को इंटरव्यू लेने के लिए नॉमिनेट किया गया था। रविवार को वह सिघडि़या ऑफिस गए तो वहां कोई भीड़ नहीं थी। इस दौरान पता लगा कि उनकी कंपनी के नाम पर अमरूदमंडी में इंटरव्यू लिया जा रहा है। कंपनी से जुड़े लोगों को लेकर वह अमरूदमंडी गए। वहां युवकों की लाइन लगी थी। सब अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। अपनी कंपनी के नाम पर फर्जीवाड़ा देखकर पंकज का माथा ठनका। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मामले की शिकायत दर्ज कराई। असली-नकली का खेल उजागर करने के लिए गोरखपुर यूनिट की एसटीएफ टीम हरकत में आई। इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह, एसआई भानु प्रताप, कांस्टेबल अनूप राय सहित अन्य लोगों ने छापेमारी की तो हंगामा शुरू हो गया।

 

जनार्दन ने अरेंज किया था इंटरव्यू

बेरोजगारों से इंटरव्यू ले रहे लोगों ने पुलिस को अर्दब में लेने का प्रयास किया। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांच से अधिक लोगों को पकड़ लिया। कमरे में रखा विजिटिंग कार्ड, 100 से अधिक पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज कब्जे में ले लिया। इंटरव्यू में खलल पड़ने से बेरोजगार भी हंगामा करने लगे। लेकिन हकीकत सामने आने पर उनकी आंखे खुली रह गई। पकड़े गए लोगों की पहचान बेलीपार एरिया के ककराखो, जंगल अखलाक कुंवर निवासी जनार्दन सिंह और कुशीनगर के हाटा, मोती पाकड़ निवासी रामचंद्र यादव के रूप में हुई। जनार्दन सिंह ने इंटरव्यू के लिए तामझाम फैलाया था। साक्षात्कार अधिकारी बनकर रामचंद्र यादव लोगों को झांसा दे रहा था। किसी बवाल से निपटने के लिए दोनों अपने साथ तीन-चार बाउंसर ले आए थे।

 

32000 में वीजा, ढाई हजार नकद जमा

इंटरव्यू लेने वाले असली कंपनी की अपेक्षा ज्यादा वेतन दिलाने का दावा कर रहे थे। उन लोगों ने किसी को फेल नहीं किया। इंटरव्यू में आए अभ्यर्थियों से नाम-पता के सिवा कुछ नहीं पूछ रहे थे। सबको मेडिकल टेस्ट के लिए ढाई हजार रुपए जमा कराने को कह रहे थे। इसके लिए युवकों को एक मेडिकल स्टोर का पता दिया गया। बताया कि वहां डॉक्टर्स सबका चेकअप करेंगे लेकिन किसी को अनफिट नहीं किया जाएगा। मेडिकल के बाद वीजा के लिए हर व्यक्ति को 32000 रुपया जमा कराना पड़ता। इंटरव्यू दे चुके लोग नकदी के इंतजाम में जुट गए थे। बेरोजगारों का कहना है कि असली कंपनी के नाम पर इंटरव्यू ले रहे जालसाज सबका पासपोर्ट जब्त कर लेते। इसके बाद सबको ब्लैकमैल किया जाता। पुलिस ने सबका दस्तावेज लौटा दिया। पूछताछ में सामने आया कि जनार्दन फर्जी तरीके से इंटरव्यू करता है। फिर उसकी कोशिश रहती है कि किसी कंपनी से सेटिंग हो जाए। लेकिन असली कंपनी के अधिकारी ने उसका गेम चौपट कर दिया।

 

इनके लिए ले रहे थे इंटरव्यू

इलेक्ट्रिशियन, पिकअप ड्राइवर, पेंटर, सरिया फिटर, सटरिंग कारपेंटर, प्लंबर, रीगर, जेसीबी ऑपरेटर, एसी टेक्नीशियन, पाइप फिटर, फर्नीचर कारपेंटर, हेल्पर के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। कहा गया था कि अलग से रहने और खाने का इंतजाम किया जाएगा।

 

वर्जन

मैं चार साल से यह काम कर रहा हूं। मेरे जरिए 50 से अधिक युवक विदेश जा चुके हैं। इस बार मैंने किसी से अनुमति नहीं ली थी। सोचा था कि इंटरव्यू लेने के बाद कंपनी के अधिकारियों से मिलकर बात करूंगा। मैंने अमरूदमंडी के पास प्रेम रोजगार सृजन केंद्र के नाम से ऑफिस खोला है।

- जनार्दन सिंह, आरोपी

 

बिना किसी अथॉरिटी दूसरी कंपनी के नाम पर इंटरव्यू लिया जा रहा था। जनार्दन सिंह और रामचंद्र यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उनके खिलाफ राजघाट थाना में केस दर्ज कराया जाएगा। सभी आवेदकों का पासपोर्ट लौटा दिया गया है। इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

- अशोक सिंह, इंस्पेक्टर, एसटीएफ यूनिट