- फरेंदा से बीजेपी विधायक बजरंग बहादुर सिंह और रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की सदस्यता रद्द

GORAKHPUR : राज्यपाल राम नाईक ने महराजगंज जिले के फरेंदा के बीजेपी विधायक बजरंग बहादुर सिंह और मऊ जिले के रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की सदस्यता रद्द कर दी। इन दोनों पर विधायक रहते हुए सरकारी ठेका लेकर काम कराने का आरोप था। बलिया के सुभाषचंद सिंह के लोकायुक्त को ख्009 में कंप्लेन की थी। लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए जाने के बाद राज्यपाल ने बसपा विधायक की मार्च ख्0क्ख् से और बीजेपी विधायक की अक्टूबर ख्0क्ख् से सदस्यता रद्द कर दी है।

लगभग तीन साल बाद आया निर्णय

बलिया के सुभाषचंद सिंह ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह और फरेंदा विधायक बजरंग बहादुर सिंह जनप्रतिनिधि होने के साथ ही साथ ठेके पर सरकारी काम भी कराते हैं। इन दोनों विधायकों ने नियम को ताक पर रखकर पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग में अपनी फर्म को काम दिलाया है। सुभाष चंद सिंह ने जानकारी दी कि उमाशंकर सिंह की छात्र शक्ति नाम से फर्म है जिसमें पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता टी राम और बसपा के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की साझेदारी है। वहीं फरेंदा विधायक बजरंग बहादुर सिंह सिंचाई विभाग में सरकारी काम कराते हैं। लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने दोनों विधायकों को सरकारी ठेके लेने का दोषी पाते हुए अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपी थी। सीएम अखिलेश यादव ने रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी जिसे राज्यपाल ने चुनाव आयोग के पास भेज दिया। चुनाव आयोग ने फ् जनवरी ख्0क्भ् को दोनों विधायकों को राज्यपाल के समक्ष अपना पक्ष रखने का मौका दिया। दोनों विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर अपना पक्ष रखा। चुनाव आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने बसपा विधायक की म् मार्च ख्0क्ख् और भाजपा विधायक की क्भ् अक्टूबर ख्0क्ख् से विधानसभा की सदस्यता निरस्त कर दी है।

अचानक आए राजनीति में और बन गए विधायक

गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज तहसील के मैरहठा गांव में रहने वाले बजरंग बहादुर सिंह ख्007 में अचानक राजनीति में आए थे और भाजपा से विधायक बन गए थे। सोर्सेज की मानें तो ख्007 के पहले बजरंग बहादुर सिंह ठेकेदार थे और विधायक बनने के बाद भी उन्होंने ठेकेदारी नहीं छोड़ी। बजरंग बहादुर सिंह महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी के करीबी थे। ख्007 में अचानक भाजपा में शामिल हुए और पंकज चौधरी के सानिध्य ने इनको फरेंदा विधान सभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बना दिया। चुनाव में इन्हें जीत भी मिली। इस दौरान बजरंग बहादुर सिंह की फर्म मेसर्स बजरंग बहादुर सिंह लगातार काम करती रही। ख्0क्ख् के चुनाव में पार्टी के अंदर इस बात की सुगबुगाहट हुई कि वह ठेकेदारी करने के साथ ही साथ विधायक भी हैं, लेकिन बजरंग बहादुर सिंह को पंकज चौधरी का सानिध्य मिला और वे दोबारा चुनाव जीत गए।