PATNA: बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआईटी ने बुधवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों अलग-अलग लोगों के लिए अभ्यर्थियों को जाल में फंसाने का काम करते थे। इसमें एक लोको पायलट आलोक और दूसरा रेंडम क्लासेस के संचालक रामाशीष के लिए काम करते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम दिनेश आजाद और राजीव रंजन है।

मिले कई सबूत

पुलिस ने बताया कि राजीव रंजन के पास से कई सबूत मिले हैं। जिसमें खुलासा हुआ है कि वह आनंद प्रीत सिंह बरार के सम्पर्क में था। राजीव जहां कैंडिडेट को पकड़ कर लाने का काम करता था। वहीं, ओएमआर में सेटिंग को लेकर भी काम करता था। इसके अलावा बीएसएससी के डाटा एंट्री ऑपरेटर के सम्पर्क में भी रहता था, जिससे वह अभ्यर्थियों को बैठाने से लेकर अन्य गतिविधियों की जानकारी आसानी से हासिल कर लेता था। इसके अलावा भी दोनों आरोपियों के पास से कई दस्तावेज बरामद किया गया। उसकी जांच की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- फ्म् लोग हो चुके हैं गिरफ्तार

गौरतलब है कि बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआईटी अभी तक फ्म् लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार, सचिव परमेश्वर राम, बीएसएससी के अधिकारियों के सम्पर्क में रहने वाले आनंद बरार सहित अन्य कोचिंग संचालक, बीएसएससी के कर्मचारी शामिल हैं।

ये था इनका पेशा

- दिनेश आजाद - यह शख्स परसा बाजार में किराए के मकान में रहता है.ं। वह एलआईसी में सहायक के पद पर कार्यरत है। लोको पायलट आलोक के लिए काम करता है और जिस अभ्यर्थी को जाल में फंसाता था उससे म्-म् लाख रुपए में डील करता था।

- राजीव रंजन - यह शख्स परसा बाजार में ऑनलाइन एग्जाम कराने को लेकर पाटलिपुत्र डिजिटल के नाम से संस्था संचालित करता है। रेंडम कोचिंग के संचालक रामाशीष के विश्वसनीय लोगों में से है। कैंडिडेट लाने के साथ ओएमआर की सेटिंग करने का काम करता था।

बीएसएससी पेपर लीक मामले में दो लोगों को और गिरफ्तार किया गया है। दोनों कैंडिडेट को फंसाकर लाने का काम करते थे। इसमें राजीव, बरार के सम्पर्क में था। इसके खिलाफ कई सबूत हाथ लगे हैं। मामले की जांच चल रही है।

- मनु महाराज, एसएसपी, पटना