-शहर में इस बीमारी के दो नए मरीज सामने आए

-लैब से आई रिपोर्ट में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई

-समय से इलाज हो जाए तो उपचार संभव है

HARIDWAR (JNN) : मलेरिया और डेंगू के बाद अब स्क्रब टायफस धर्मनगरी में पांव पसार रहा है। शुक्रवार को शहर में इस बीमारी के दो नए मरीज सामने आए हैं। एक मरीज का जिला अस्पताल और दूसरे का मेला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

लैब की रिपोर्ट में हुई पुष्टि

शुक्रवार को स्क्रब टाइफस के दो नए मामले प्रकाश में आए हैं। पहला मामला जिला अस्पताल का है, जहां चार दिन पहले बहादराबाद (मूल निवासी नजड़ौता, मुजफ्फरनगर) निवासी कपिल (ख्8) को लंबे समय से बुखार की शिकायत पर भर्ती कराया गया। लैब की रिपोर्ट में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है। जनरल वार्ड में भर्ती कपिल ने बताया कि वह पिछले एक महीने से बीमार है। चार दिन पहले उन्होंने ईएमओ डॉक्टर वीपी मौर्य ने उन्हें भर्ती किया था। दूसरा मामला मेला अस्पताल का है। गुरुवार को हरिद्वार निवासी अभय को भी यहां बुखार की शिकायत पर भर्ती कराया गया।

किशोर क्ख् दिनों से बीमार चल रहा

शुक्रवार को लैब से आई रिपोर्ट में अभय को भी स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है। मेला अस्पताल के अधीक्षक डॉ। संदीप निगम ने बताया कि किशोर पिछले क्ख् दिनों से बीमार चल रहा है। फिलहाल रिपोर्ट के अनुसार इलाज शुरू कर दिया गया है। डॉ। निगम ने बताया कि गुरुवार को भी एक स्क्रब टायफस का संदिग्ध मरीज अस्पताल में आया था। उसको भी भर्ती होने की सलाह दी गई थी, लेकिन उसने मना कर दिया। डॉ। निगम ने बताया कि मेला अस्पताल में स्क्रब टायफस का यह नौवां मरीज है।

रोकथाम का नहीं विकल्प

मेला अस्पताल के अधीक्षक डॉ। संदीप निगम ने बताया कि स्क्रब टायफस एक जंगली विषाणु से फैलता है। आमतौर पर जब लोग जंगल आदि जाते हैं तभी यह लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। उन्होंने बताया कि तराई क्षेत्र होने के कारण हरिद्वार और आसपास के इलाकों में इसका प्रकोप अधिक है। इसकी रोकथाम का तो कोई विकल्प नहीं है, पर सही समय से इलाज हो जाए तो उपचार संभव है।

जिला अस्पताल में पर्देदारी

जिला अस्पताल में स्क्रब टाइफस का मरीज चार दिन पहले बुखार की शिकायत के चलते भर्ती हुआ था। आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी वीपी मौर्य ने उसको स्क्रब टायफस जांच लिखी थी। लैब रिपोर्ट में स्क्रब टायफस पॉजिटिव आया। इसकी जानकारी गुरुवार को ही हो गई और मरीज का इलाज भी शुरू हो गया, लेकिन सीएमएस डॉ। अनिल कुमार से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्हें इस तरह के किसी मामले से सीधे इंकार कर दिया।

---------------

ये हैं बीमारी के लक्षण

-संक्रमण वाले स्थान पर लाल निशान

-बार-बार ठंड देकर बुखार आना

-कमजोरी रहना

-बदन दर्द

-प्लेटलेट्स की कमी