PATNA : बिहार के दो विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर सरकार ने कड़ी कार्रनाई की है। एमफिल में एडमिशन के नाम पर फर्जीवाड़ करने और पैसा खाने के आरोप में भीम राव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक शिवजी सिंह और प्रशासनिक अधिकारी ललन कुमार को निलंबित कर दिया गया है। विधान परिषद में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वे मंगलवार को जदयू एमएलसी राजकिशोर सिंह कुशवाहा के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे। राजकिशोर सिंह कुशवाहा ने सदन को बताया कि बिहार विवि के प्रशासनिक पदाधिकारी ने दाखिले के लिए फ्9000 रुपये प्रति छात्र वसूल कर क्0 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किया है।

बिना अनुमति के चला रहे थे कोर्स

इन दोनों अधिकारियों पर बिना परमिशन के पाठ्यक्रम संचालित करने और यूजीसी के मापदंडों की अनदेखी करने के आरोप है। यही नहीं, दोनों विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार शिक्षण संस्थान का संचालन भी नहीं कर रहे थे। दोनों अधिकारियों के खिलाफ बीबी लाल उच्चस्तरीय जांच समिति के प्रतिवेदन पर कार्रवाई की जा रही है।

बिहार में ब्00 करोड़ के छपाई घोटाले की गूंज

पाठ्य पुस्तकों की छपाई में धांधली का आरोप लगाते हुए विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा हुआ। प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के छात्रों को मुफ्त में दी जाने वाली पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति के मसले पर नेता प्रतिपक्ष ने पाठ्य पुस्तकों की छपाई में चार सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की। राजद के डा.रामानुज प्रसाद के एक सवाल पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के जवाब से असंतुष्ट भाजपा के सदस्यों ने हंगामा किया। राजद सदस्य ने सवाल किया था कि वर्तमान शिक्षा सत्र समाप्त होने को है लेकिन तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को एक भी पुस्तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को भी आंशिक पुस्तकें ही उपलब्ध कराई जा सकी है।

सरकार ने कहा 90 फीसदी काम हो गया

शिक्षा मंत्री ने आरोपों को खारिज करते हुए स्वीकार किया कि भारत सरकार के उपक्रम एचपीसीएल द्वारा समय पर कागज उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण पुस्तकों की छपाई में विलंब हुआ। इसके बावजूद 90 प्रतिशत पाठय पुस्तकें उपलब्ध करा दी गई है। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि संबंधित दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। अप्रैल में शुरू हो रहे आगामी शिक्षा सत्र में समय पर छात्रों को पाठय पुस्तक उपलब्ध करा दी जाएगी।