गोरखपुर कचहरी की दीवार काटकर पेशी से फरार हुए दो कैदी
आई नेक्स्ट ने किया था आगाह
आई नेक्स्ट ने 25 सितंबर के अंक में पेशी के दौरान होने वाली लापरवाही को बेपर्दा किया था। आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन कर 'होते हैं पेश तो करते हैं ऐश' हेडिंग से न्यूज पब्लिश की थी। पेशी पर आने वाले बंदियों की सुरक्षा कितनी लचर होती है, ये स्टिंग में साफ हो गया था। खबर छपने के बाद कुछ दिन तक तो पुलिस सक्रिय रही लेकिन फिर वही ढर्रा अपना लिया गया। मंगलवार को फरार हुए कैदियों ने पुलिस की सक्रियता की पोल खोलकर रख दी। सूरज और योगेश नाम के कैदी बाथरूम में गए और वहां नकब लगाकर फरार हो गए.
घंटों बाद मिली खबर
पुलिस की लापरवाही का आलम देखिए कि कैदी के फरार होने की सूचना शाम को जेल में कैदियों की गिनती के वक्त मिली। शाम को गिनती में दो कैदी कम मिलने पर हड़कंप मच गया। मामला सामने आने के बाद पुलिस इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में लगी रही, लेकिन कुछ ही देर में यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई। इसके बाद आनन-फानन में सभी पुलिस अधिकारी जेल पर पहुंच गए और देर रात तक कैदियों के मिलान में जुटे रहे.
पहले ही बन चुका था प्लान
कैदियों के फरार होने की डेट और टाइम पहले से मुकर्रर था। एसटीएफ ने कुछ दिन पहले ही एक कॉल ट्रेस की थी जिसमें वीर बहादुर नाम का एक कैदी अपनी प्रेमिका से बात करते हुए पेशी से फरार होने की बात कर रहा था। उसने तारीख भी 24 नवंबर ही तय की थी। इसके बाद मंगलवार को पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद थी। ताज्जुब इस बात का है कि मौके पर भारी फोर्स तैनात होने के बावजूद चकमा देकर दोनों कैदी फरार हो गए.
आई नेक्स्ट ने 25 सितंबर के अंक में पेशी के दौरान होने वाली लापरवाही को बेपर्दा किया था। आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन कर 'होते हैं पेश तो करते हैं ऐश' हेडिंग से न्यूज पब्लिश की थी। पेशी पर आने वाले बंदियों की सुरक्षा कितनी लचर होती है, ये स्टिंग में साफ हो गया था। खबर छपने के बाद कुछ दिन तक तो पुलिस सक्रिय रही लेकिन फिर वही ढर्रा अपना लिया गया। मंगलवार को फरार हुए कैदियों ने पुलिस की सक्रियता की पोल खोलकर रख दी। सूरज और योगेश नाम के कैदी बाथरूम में गए और वहां नकब लगाकर फरार हो गए।
पुलिस की लापरवाही का आलम देखिए कि कैदी के फरार होने की सूचना शाम को जेल में कैदियों की गिनती के वक्त मिली। शाम को गिनती में दो कैदी कम मिलने पर हड़कंप मच गया। मामला सामने आने के बाद पुलिस इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में लगी रही, लेकिन कुछ ही देर में यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई। इसके बाद आनन-फानन में सभी पुलिस अधिकारी जेल पर पहुंच गए और देर रात तक कैदियों के मिलान में जुटे रहे.
कैदियों के फरार होने की डेट और टाइम पहले से मुकर्रर था। एसटीएफ ने कुछ दिन पहले ही एक कॉल ट्रेस की थी जिसमें वीर बहादुर नाम का एक कैदी अपनी प्रेमिका से बात करते हुए पेशी से फरार होने की बात कर रहा था। उसने तारीख भी 24 नवंबर ही तय की थी। इसके बाद मंगलवार को पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद थी। ताज्जुब इस बात का है कि मौके पर भारी फोर्स तैनात होने के बावजूद चकमा देकर दोनों कैदी फरार हो गए.
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