विजय माल्या के यूबी ग्रुप ने उस विवादित विज्ञापन को वापस लेने का फ़ैसला किया है, जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को हरभजन सिंह जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति का मज़ाक उड़ाते दिखाया गया है।

इस विज्ञापन से नाराज़ हरभजन सिंह ने यूबी ग्रुप को क़ानूनी नोटिस भेजा था। लेकिन यूबी ग्रुप का कहना है कि क्रिकेट के हित में उन्होंने इस विज्ञापन को वापस लेने का फ़ैसला किया है।

ग्रुप का ये भी कहना है कि इस विज्ञापन का इस्तेमाल कुछ लोग अपना फ़ायदा उठाने में भी कर सकते थे। यूबी ग्रुप की ओर से जारी बयान में कहा गया है- इस विज्ञापन को वापस लेकर डॉ। विजय माल्या ने जो सदभावना दिखाई है, वो क्रिकेट के हित में है। ख़ासकर ऐसे समय जब भारत की टीम इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक अहम सिरीज़ खेल रही है।

'देशविरोधी'

ग्रुप का ये भी कहना है कि उसके पास क़ानूनी राय थी और प्रबंधन का भी यही मानना था कि इसमें कोई मामला नहीं बनता, ये ध्यान में रखते हुए कि इसका फ़ायदा अन्य लोग उठा सकते हैं, विज्ञापन वापस लेने का फ़ैसला किया गया।

यूबी ग्रुप को क़ानूनी नोटिस हरभजन सिंह की माँ अवतार कौर की ओर से भेजा गया था। इस नोटिस में वकीलों ने आरोप लगाया था कि इस विज्ञापन में भज्जी का, उनके परिवार का और सिख समुदाय का मज़ाक उड़ाया गया है। नोटिस में हरभजन सिंह की माँ ने कहा था कि ऐसे विज्ञापनों से टीम में दरार आ सकती है और ये विज्ञापन देशविरोधी है।

भारतीय कप्तान धोनी मैकडॉवेल नंबर 1 प्लेटिनम ब्रांड के लिए विज्ञापन करते हैं, तो हरभजन प्रतिद्वंद्वी रॉयल स्टैग का। दोनों व्हिस्की ब्रांड के प्रतिद्वंद्वी हैं और दोनों की क़ीमत क़रीब-क़रीब एक जैसी है।

हालाँकि जिस विज्ञापन को लेकर इतना बखेड़ा खड़ा हुआ, वो सोडा ब्रांड का था।

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