- विभिन्न मांगों लेकर बैंक कर्मचारी की हड़ताल बनी वजह

>BAREILLY:

बैंक कर्मचारियों ने फ्राइडे को बैंकों के विलय, निजीकरण और नई आर्थिक नीतियों के खिलाफ हड़ताल की। इससे शहर में 350 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। देशव्यापी हड़ताल में बरेली में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में मौजूद बैंक कर्मचारियों ने एसबीआई के आंचलिक कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। सरकार की नीतियों से खफा बैंकर्स ने मोदी जेटली हाय-हाय, फाइनेंस मिनिस्टर डाउन-डाउन और बैंक विलय नहीं चलेगा, बैंक विलय नहीं चलेगा आदि नारे लगाए।

पूंजीपतियों का साध्ा रही हित

कार्यक्रम का संचालन करते हुए फोरम के संयोजक दिनेश सक्सेना ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों की हित साधने में लगी हुई है। यही कारण है कि विजय माल्या बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए लेकर भाग गए और सरकार देखती रह गयी। दो सितम्बर को देश के सामने 15 करोड़ लोग हड़ताल पर जाएंगे। इस मौके पर मौजूद अधिकारी संघ के एनएन टंडन, संजीव मेहरोत्रा, सचिन सिंह, पंकज शर्मा, रवि आनंद, जितेंद्र प्रताप और आरबी खन्ना सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

चेक क्लियरेंस, लेन-देन प्रभावित

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से बैंकों में ट्रांजेक्शन, बैंक ड्रॉफ्ट और चेक क्लियरेंस का काम नहीं हो सका। एक अनुमान के मुताबिक शहर में ही 350 करोड़ रुपए का कारोबार फ्राइडे को हड़ताल की वजह से प्रभावित रहा। इनमें 300 करोड़ रुपए लेन-देने और 50 करोड़ रुपए का चेक क्लियरेंस का काम नहीं हो सका।