- सभी यूनिवर्सिटी में खोले जाएंगे दीन दयाल कौशल विकास केंद्र, यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज से मांगे प्रपोजल

- डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और वोकेशनल कोर्सेस के लिए यूजीसी देगी ग्रांट

- वहीं सेल्फ फाइनेंस्ड इंस्टीट्यूशन अपने लेवल पर खोल सकते हैं कौशल केंद्र

GORAKHPUR : इंडिया में भ्0 परसेंट पॉप्युलेशन फ्0 साल से बिलो एज की है। यह सभी नौकरी के लिए कतार में हैं, लेकिन लगातार बढ़ रही आबादी और क्वालिटी एजुकेशन में कमी की वजह से एंप्लायमेंट के चांसेज दिन ब दिन कम होते जा रहे हैं। आज हर कंपनी न सिर्फ एक्सपीरियंस्ड ही नहीं बल्कि एक्स्ट्रा स्किल रखने वालों को ही तरजीह दे रही है। यही वजह है कि यूजीसी ने अब इंडिया के फ्यूचर और अपने स्टूडेंट्स के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्होंने डिग्री संग हुनर का सर्टिफिकेट देने के लिए 'कौशल केंद्र' खोलने की प्लानिंग की है, जिसके लिए उन्होंने यूनिवर्सिटी से प्रपोजल भी मांगा है।

स्कीम के लिए मांगे फ्क् जनवरी तक प्रपोजल

यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स की भी स्किल डेवलप होनी चाहिए, इसे यूजीसी ने रियलाइज किया है। यही वजह है कि इसके लिए उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर स्किल डेवलपमेंट के लिए कौशल केंद्र खोलने की प्लानिंग की है। यूजीसी का यह मानना है कि इससे न सिर्फ स्टूडेंट्स का टाइम बचेगा, बल्कि यूनिवर्सिटी से निकलने के फौरन बाद ही वर्क के लिए मैनपॉवर मिल जाएगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने फ्क् जनवरी तक सभी से प्रपोजल मांगे है। जिसके लिए उन्होंने प्रोफार्मा भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

सर्टिफिकेट से लेकर पीजी तक की मिलेगी डिग्री

यूजीसी की ओर से प्लान की गई इस स्कीम का मेन ऑब्जेक्ट डिफरेंट लेवल पर इंडस्ट्रीज की रिक्वायमेंट के मुताबिक स्किल्ड मैनपॉवर तैयार करना है। फील्ड की मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर फुल फ्लेज पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम तक कंडक्ट किया जाएगा। इसके साथ ही स्पेशलाइज्ड एरिया में रिसर्च की चांस भी दी जाएगी। यह कोर्स कम्युनिटी कॉलेज स्कीम, बी। वोक डिग्री प्रोग्राम के अंडर भी यह कोर्स कंडक्ट किए जा सकते हैं।

यूजीसी भी करेगी हेल्प

स्टूडेंट्स को हुनरमंद बनाने के लिए यूजीसी ने न सिर्फ इन कोर्स को स्टार्ट कराने की पहल की है, बल्कि इसके लिए वह एफिलिएटेड यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज को असिस्टेंट्स भी देगी। इसके साथ ही एनएएसी/एनबीए से एक्रीडेटेड सेल्फ फाइनेंस्ड इंस्टीट्यूशन भी इस दायरे में शामिल हैं, लेकिन यूजीसी उन्हें फाइनेंशियल असिस्टेंस नहीं देगी। इनके साथ यह शर्त है कि यह इंस्टीट्यूशंस यूजीसी के सभी क्राइटेरिया और गाइडलाइंस को फुलफिल कर रहे हों।

स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा

यूजीसी की इस पहल से स्टूडेंट्स को काफी फायदा होगा। ग्रेजुएशन और पीजी तक की डिग्री हासिल करने में वक्त तय है। इसके बाद स्टूडेंट्स स्किल डेवलप करने के लिए वोकेशनल और लीक से हटकर कोर्स करते हैं, जिससे कि उनको जॉब मिलने में कोई खास मशक्कत न करनी पड़े। इसमें उनके दो तीन साल बर्बाद हो जाते हैं। कौशल विकास स्कीम स्टार्ट होने से स्टूडेंट्स को काफी फायदा हो जाएगा। वह अपनी डिग्री हासिल करने के साथ ही वोकेशनल और सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकेंगे, जिससे कि उनका दो-तीन साल बच जाएगा।