एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस विचार से हम सहमत हैं। छात्र अपनी इच्छा से माता या पिता के नाम का उल्लेख कर सकते हैं। हम इस विचार को पसंद करते हैं और हमें कोई आपत्ति नहीं है। यूजीसी शीघ्र ही इस दिशा में काम करेगा।

मेनका ने की थी अपील
गौरतलब है कि मेनका गांधी ने पिछले महीने जावड़ेकर को पत्र लिखा था। उन्होंने एचआरडी मंत्री से छात्रों के डिग्री प्रमाण पत्र पर पिता के नाम की अनिवार्यता संबंधी नियम में बदलाव का आग्रह किया था। पत्र में मेनका ने कहा था कि मेरी मुलाकात ऐसी कई महिलाओं से हुई जो अपने पति को छोड़ चुकी हैं। ऐसी महिलाएं भारी कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। उन्हें बच्चों का डिग्री प्रमाण पत्र लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पिता के नाम के बगैर प्रमाण पत्र नहीं मिलता है। उन्होंने आगे लिखा था कि शादी टूटना और पति एवं पत्नी में अलगाव आज के जीवन की वास्तविकता बन चुकी है। ऐसे में नियमों में इसकी झलक दिखाई देनी चाहिए।

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