-29 जून को हुई थी परीक्षा, परिणाम का अब तक पता नहीं

-बढ़ रही है छात्रों की धड़कन, यूजीसी की साइट पर भी नहीं है कोई इन्फार्मेशनन

ALLAHABAD: यूजीसी नेट का पेपर आब्जेक्टिव हो जाने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि इसका रिजल्ट जल्दी डिक्लेयर हो जाएगा। लेकिन इस बार भी ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। सौ दिन से ज्यादा बीत चुके हैं मगर, अभी रिजल्ट का इंतजार खत्म नहीं हो सका है। परीक्षार्थियों की परेशानी बढ़ाने वाला दूसरा फैक्टर अभी तक दिसंबर एग्जाम का फॉर्म जारी न होना भी है। बड़ी प्राब्लम यह है कि इस बारे में न तो यूजीसी की साइट पर कोई इंफॉरमेशन है और न ही कोई वर्बल कुछ बताने वाला है।

100 दिन हो गए पूरे

बता दें कि यूजीसी ने 29 जून 2014 को नेट एग्जाम आर्गनाइज किया था। नौ अक्टूबर तक इसके 102 दिन बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक रिजल्ट नहीं आया है। 24 जून 2012 से हुए नेट परीक्षा के पैटर्न में बदलाव के बाद (तीनों पेपर आब्जेक्टिव कर दिए गएए) उम्मीदों के अनुरूप रिजल्ट जल्दी निकाला भी गया था। उस समय दिसम्बर और जून ख्0क्ख् के एग्जाम का रिजल्ट यूजीसी ने 8म् दिनों में ही निकाल दिया था। ख्ब् जून ख्0क्ख् का रिजल्ट क्8 सितम्बर ख्0क्ख् को तथा फ्0 दिसम्बर ख्0क्ख् का रिजल्ट ख्भ् मार्च ख्0क्फ् को निकाला गया था।

एयू बन गया सबसे बड़ा परीक्षा केन्द्र

इस बीच एग्जाम पैटर्न में बदलाव के बाद एकाएक परीक्षार्थियों की संख्या में कई गुना तक वृद्धि हुई। जिसके बाद नेट का रिजल्ट लेट होना शुरू हो गया। हाल यह हुआ कि फ्0 जून ख्0क्फ् और ख्9 दिसम्बर ख्0क्फ् का रिजल्ट यूजीसी क्क्फ् दिन में निकाल सका। ख्9 जून ख्0क्ब् को हुए नेट एग्जाम में पूरे देश से रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की संख्या आठ लाख को पार कर गई। यही नहीं इस वर्ष इस एग्जाम के लिए परीक्षार्थियों के मामले में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी देश का सबसे बड़ा परीक्षा केन्द्र भी बन गया। यहां से आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों की संख्या फ्फ्,क्क्म् तक पहुंच गई।

ये हैं साइड इफेक्ट

जानकार यूजीसी नेट के रिजल्ट में देरी के कई साइड इफेक्ट बताते हैं। अव्वल तो सबसे ज्यादा नुकसान उनका होता है जिन्हें रिसर्च में एडमिशन के बाद जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) के रूप में धनराशि मिलनी होती है। जाहिर है कि रिसर्च में एडमिशन पाने वाले कैंडिडेट्स को रिजल्ट में देरी के चलते पैसे भी देर से मिलने शुरू होंगे। दूसरा नुकसान यह भी है कि नेट क्वालीफाई होने में देरी उनके टीचर बनने की राह में भी रोड़ा है। इस दौरान परीक्षार्थी इस बात की भी उलझन में फंसा होता है कि वह क्वालीफाई होगा या फिर उसे नेक्स्ट एग्जाम के लिए प्रिपरेशन शुरू कर देनी चाहिए।

इस पर रहेगी नजर

फिलहाल तो एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस बार नेट क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या क्या होगी। गौरतलब है कि फ्0 जून ख्0क्फ् को हुए नेट के रिजल्ट में देशभर से ख्फ्,7क्8 नेट और ख्9 दिसम्बर ख्0क्फ् को हुए नेट के रिजल्ट में ख्क्,क्क्म् नेट के लिए क्वालीफाई किए थे। इसकी वजह थर्ड पेपर का आब्जेक्टिव हो जाना था। जबकि इससे पहले तक नेट क्वालीफाई करने वालों की संख्या मैक्सिमम ग्यारह हजार के अन्दर सिमट जाती थी।

इन्हें भी है इंतजार

यूजीसी नेशनल लेवल पर नेट एग्जाम दो बार आयोजित करता है। पहली परीक्षा की डेट जून महीने का लास्ट संडे और दूसरी परीक्षा की डेट दिसंबर महीने का लास्ट संडे होता है। इस बार जून की परीक्षा तो टाइम पर हो चुकी है लेकिन रिजल्ट पेंडिंग है। दिसंबर में संभावित परीक्षा का फॉर्म अभी तक नहीं आया है। दिसम्बर में होने वाली नेट की संभावित परीक्षा की प्रिपरेशन में जुटे कैंडिडेट्स को आवेदन की चिंता सताने लगी है। वे हर रोज इसकी क्वेरी सीनियर्स या टीचर्स से कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अक्टूबर अंतिम सप्ताह तक नेट का नया नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।

-जब थर्ड पेपर सब्जेक्टिव था तब कॉपी जांचने में लेट होता था। लेकिन, आब्जेक्टिव हो जाने के बाद देरी समझ में नहीं आती। किसी पालिसी मैटर के चलते ही देरी हो रही होगी।

प्रोफेसर एके श्रीवास्तव, यूजीसी नेट कोआर्डिनेटर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी