बुजुर्गों के बॉयोमीट्रिक सत्यापन में होती थी दिक्कत

नई दिल्ली (प्रेट्र)। जनवरी में यूआईडीएआई ने 12 अंकों के आधार सत्यापन के लिए चेहरे के उपयोग होने की घोषणा की थी। दरअसल बुजुर्ग लोगों को बॉयोमीट्रिक द्वारा आधार सत्यापन में काफी परेशानी होती थी। बुजुर्ग या मेहनत का काम करने वालों की अंगुलियों के निशान घिस जाते थे जिससे बॉयोमीट्रिक सत्यापन में दिक्कत आती थी। यही वजह थी कि यूएआईडीएआई ने चेहरे से सत्यापन के लिए तैयारी शुरू की थी। इसमें कहा गया था कि आधार कार्ड रखने वालों के चेहरे से सत्यापन आंखों की पुतलियों या अंगुलियों के निशान के साथ ही मान्य होगा। सिर्फ चेहरा सत्यापन के लिए मान्य नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट में बताया आधार डाटा की सुरक्षा बेजोड़

गत सप्ताह यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने कहा था कि आधार डाटा की सुरक्षा बेजोड़ है। मौजूदा टाइम में धरती पर सबसे तेज चलने वाले तीन सुपर कंप्यूटर इसकी सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश में जुटेंगे तो वे भी ब्रह्मांड खत्म होने तक सफल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया था कि आधार का सत्यापन चेहरे से भी हो पाएगा। यह नया फीचर 1 जुलाई से चालू हो जाएगा। उन्होंने कोर्ट में दिए अपने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन में कहा था कि चेहरे से आधार सत्यापन तभी मान्य होगा जब उसके साथ एक बॉयोमीट्रिक आंखों की पुतलियां या अंगुलियों के निशान में से किसी एक को उपलब्ध कराया जाए।

देश में हर दिन हो रहा है 4 करोड़ आधार सत्यापन

पूरे देश में बैंक, टेलीकॉम कंपनियां, जन वितरण सिस्टम, इनकम टैक्स सहित कई स्थानों पर आधार सत्यापन का प्रयोग हो रहा है। एक आंकड़े के अनुसार रोजाना औसतन 4 करोड़ आधार सत्यापन किए जा रहे हैं। अपने प्रजेंटेशन में पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक 1696.38 करोड़ आधार सत्यापन और 464.85 करोड़ आधार से जुड़े ई-केवाईसी किए जा चुके हैं। 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच के समक्ष पांडेय आधार योजना पर सरकार का पक्ष रख रहे थे। उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई आधार कार्ड धारक की लोकेशन या किसी प्रकार के लेन-देन को ट्रैक नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट आधार की संवैधानिक वैधता से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

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