केस वन

ओल्ड सिटी जोगी नवादा की रहने वाली नफीसा बानो का एएचएल टिन नंबर 31094002 है। नफीसा जब लता गैस एजेंसी गैस पर कनेक्शन लेने पहुंची तो पता चला कि उनके एएचएल टिन नंबर से किसी और ने कनेक्शन ले रखा है। सॉफ्टवेयर में नम्बर फीड करते ही यह आ गया कि विमला भारत गैस ग्रामीण वितरक ने इस नंम्बर से अगरास की श्यामा देवी को गैस कनेक्शन दे दिया है।

केस टू

कुछ ऐसा ही खेल बुखारपुरा की रहने वाली तारा बेगम के साथ हुआ है। तारा बेगम को एएचएल टिन नंबर 19097002 जारी हुआ है। योजना के तहत जब यह गैस कनेक्शन लेने एजेंसी पर पहुंची तो पता चला कि इनके नम्बर का गैस कनेक्शन किसी और को दे दिया गया है। धरमवीर भारत गैस एजेंसी ने इस एएचएल टिन नम्बर पर सिमरा वलिया के रहने वाले किसी रिंकू नाम के व्यक्ति को कनेक्शन दे रखा है।

केस थ्री

दोहरा रोड की रहने वाली राखी भी योजना के तहत गैस कनेक्शन नहीं मिलने से परेशान हैं। जो एएचएल टिन नम्बर 29098004 राखी को जारी हुआ उसकी जगह किसी और ने योजना का लाभ ले रखा है। लक्ष्मी एचपी गैस सर्विस ने इस नम्बर के जरिए दोघरिया की रहने वाली कांति को गैस कनेक्शन दे दिया हैं। अब राखी गैस कनेक्शन के लिए इधर-उधर भटक रही है।

BAREILLY: उज्ज्वला योजना में इस तरह का खेल कर करोड़ों रुपए का घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है। जिले की गैस एजेंसियों ने योजना में लाभार्थी की जगह किसी और को गैस कनेक्शन बांट दिया है। इसके बदले उन्होंने मोटी रकम वसूली है। गैस एजेंसियों की इस खेल की वजह से पात्र लाभार्थी फ्री गैस कनेक्शन पाने के लिए परेशान हैं। जबकि अपात्रों को गैस कनेक्शन मिल गया है।

गैस एजेंसियों ने कर दिया खेल

उज्ज्वला के तहत जिले में करीब 50,000 गैस कनेक्शन अभी तक तीनों कंपनियों के बांटे जा चुके है, लेकिन फ्री गैस कनेक्शन बांटने में गैस एजेंसियों ने एक खेल कर दिया है। फ्री गैस कनेक्शन अपात्र लोगों को देकर उनसे मोटी रकम वसूल ली है। एक बात का खुलासा तब हुआ जब पात्र लाभार्थी अपना गैस कनेक्शन लेने एजेंसी पर पहुंच रहे हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें जो एएचएल टिन नम्बर जारी कर रखा है उस नम्बर से गैस एजेंसियों ने किसी और को गैस कनेक्शन दे रखा है। इसकी वजह से पात्र लाभार्थी इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हैं।

फ्री गैस कनेक्शन का लिया पैसा

एक-एक गैस एजेंसियों ने 10-10 हजार गैस कनेक्शन में खेल कर रखा है। सूत्रों की मानें तो एजेंसियों ने फ्री गैस कनेक्शन कनेक्शन को अपात्र लोगों को 3-4 हजार में बेच दिया। चूंकि, सामान्य तरीके से गैस कनेक्शन लेने में 6 हजार तक का खर्चा है, तो लोगों ने भी 4 हजार में गैस कनेक्शन मिलने पर गुरेज नहीं किया। जो क्षेत्र गैस एजेंसियों की दायरे में नहीं आता है वहां भी उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन बांटे जाने का मामला सामने आया है। गैस एजेंसियों के इस खेल पर एलपीजी कंपनियां भी पर्दा डालने पर लगी हुई है।

29 डिजिट के एएचएल नंबर में खेल

आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को राहत देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने इस उज्ज्वला योजना की शुरुआत एक वर्ष पहले की थी। फ्री गैस कनेक्शन पात्र महिला मुखिया के नाम ही जारी करना था। इसके लिए केंद्र सरकार ने एलपीजी कंपनियों को एक डाटा भी सौंप रखा है, जो 2011 की गणना के आधार पर हैं। जिनमें मुखिया का नाम और घर के बाकी सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। एएचएल टिन नंबर जो कि 29 डिजिट का है। कम्प्यूटर में डालने संबंधित लाभार्थियों की डिटेल सामने आ जाती है। जिसमें मुखिया और बाकी सदस्यों के नाम मैच करने पर लाभार्थी को गैस कनेक्शन जारी कर दिए जाते हैं। लेकिन गैस एजेंसियों ने इसमें भी खेल कर दिया।

केंद्र सरकार ने सौंपी है लिस्ट

- 2,01,600 शहर क्षेत्र के लोगों का।

- 8,05,200 ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का।

- 61 जिले में गैस एजेंसी।

- 5 लाख के करीब जिले में कंज्यूमर्स

- 50,000 से अधिक बांटे जा चुके है उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन।

उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन बांटने का एलपीजी कंपनियों का दबाव है। ऐसे में है गैस एसेंजियों के स्टॉफ से गलती हो गई होगी उन्होंने किसी और को दे दिया होगा।

रंजना सोलंकी, प्रेसीडेंट, डोमेस्टिक गैस डिस्ट्रिब्यूटर एसोसिएशन