गैंगमैन व कर्मचारियों के माध्यम से मैनुअली ट्रैकिंग की समस्या से मिलेगा छुटकारा

ALLAHABAD: रेल फ्रैक्चर की वजह से होने वाली रेल दुर्घटनाएं रेल मंत्रालय के लिए चुनौती बनी हुई हैं। इससे लाखों पैसेंजर्स की जान भी खतरे में रहती है। ऐसे में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अल्ट्रासोनिक टेक्नोलॉजी वाली सेल्फ प्रपोल्ड कोच दिल्ली-मुगलसराय और दिल्ली रतलाम रेलवे ट्रैक पर चलाने का प्लान बनाया है।

भीषण गर्मी और भीषण ठंडी में रेल फ्रैक्चर की दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इस बार इसे रोकने के प्लान के तहत सेल्फ प्रपोल्ड यानी स्वचालित कोचों को रेलवे ट्रैक पर दौड़ाने का प्लान बनाया गया है। ये अल्ट्रासोनिक टेक्नोलॉजी के थ्रू रेल फ्रैक्चर ढूंढ़ेंगी। अभी तक मैनुअली गैंगमैन व कर्मचारियों को लगाकर फ्रैक्चर चेक किया जाता था।

दिल्ली-मुगलसराय रूट शुरूआत

रेलवे जल्द ही छह सेल्फ प्रपोल्ड अल्ट्रासोनिक रेल टेस्टिंग कार खरीद कर ट्रैक पर उतारने जा रहा है। इसकी कीमत करीब 18 हजार 624 करोड़ रुपये बताई जा रही है। रेलवे ने इन कोचों के थ्रू नई दिल्ली से मुगलसराय, और नई दिल्ली से रतलाम सेक्शन को कवर करने का प्लान बनाया है। इन दोनों रूट पर ही सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं।

कब-कब हुए हादसे

20 जनवरी 2017- रानीखेत एक्सप्रेस के दस डिब्बे पटरी से उतरे

27 दिसंबर 2016- अजमेर सियालहद एक्सप्रेस के 15 कोच पटरी से उतरे। 2 की मौत हुई थी

20 नवंबर 2016- कानपुर के पास पुखरायां में एक बड़ा रेल हादसा हुआ। 150 से ज्यादा की मौत हुई

20 मार्च 2016 - देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। 34 लोग मारे गए थे

25 मई 2015 को सिराथू स्टेशन के पास डिरेल हुआ था मूरी एक्सप्रेस चार लोगों की हुई थी मौत

इन्हें बदलने की दरकार

80 छोटे-बड़े हादसे हो चुके 2016-17 में

69 दुर्घटनाएं हुई थीं साल 2015 में

27581 की मौत हुई साल 2014 के रेल हादसों में

रेल फ्रैक्चर और उसकी वजह से होने वाली दुर्घटनाएं रेलवे के लिए चिंता का विषय हैं। इस पर रोक के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। इस बार अल्ट्रासोनिक टेक्नोलॉजी की मदद से रेल फ्रैक्चर का पता लगाने का प्लान बनाया गया है।

अनिल सक्सेना

डीजी, पीआरओ