थर्सडे से मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बढ़ेगा जांच का बोझ

एक रेडियोलॉजिस्ट रिटायर्ड, दो पर बढ़ा एक्सरे-अल्ट्रासाउंड का दबाव, पूरे इंतजाम नहीं

अल्ट्रासाउंड जांच तय टारगेट से 350 फीसदी ज्यादा हो रही, समय पर नहीं मिल रही रिपोर्ट

BAREILLY:

पहले पैथोलॉजी की 40 जांचे और फिर एक्सरे के बाद यूपी सरकार ने अल्ट्रासाउंड की जांच को भी सभी सरकारी हॉस्पिटल्स में मुफ्त कर दिया है। कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी मिलने के बाद वेडनसडे को अल्ट्रासाउंड की जांच मुफ्त होने का शासनादेश भी जारी हो गया। इस फैसले के साथ ही बरेली व आस पास के जिलों के हजारों मरीजों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में थर्सडे से मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। लेकिन मुफ्त की यह सौगात हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए जहां परेशानी का सबब बन रही। वहीं मरीजों के लिए भी राहत से ज्यादा आफत साबित होती ि1दख रही।

30 फीसद इजाफे की आशंका

मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू होने से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के अल्ट्रासाउंड विभाग में 30 फीसदी तक दबाव बढ़ना तय है। अगस्त तक हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड जांच के लिए मरीजों को 100 रुपए चुकाने पड़ते थे। जांच मुफ्त होने से मरीजों को इसका पैसा नहीं देना होगा। इसका असर यह होगा कि पेट दर्द और पेट से जुड़ी हर शंका पर मरीज ओपीडी में डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड कराने की मांग करेंगे। जानकारों का मानना है कि मुफ्त जांच होने से अल्ट्रासाउंड कराने का मिस यूज बढ़ जाएगा। इस आशंका के पीछे की वजह भी ठोस है। एक्स रे की जांच मुफ्त होने के बाद महज एक हफ्ते के अंदर ही हॉस्पिटल में एक्सरे जांच का आंकड़ा 35 फीसदी तक बढ़ गया था।

350 फीसदी ज्यादा जांचे हो रही

हॉस्पिटल में मौजूदा समय में महज दो ही रेडियोलॉजिस्ट रह गए हैं। हॉस्पिटल के तीसरे रेडियोलॉजिस्ट डॉ। राम मनोहर 31 अगस्त को ही रिटायर हो गए। मुफ्त होने से पहले ही हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड की जांचों का आंकड़ा तय सरकारी टारगेट से 350 फीसदी से भी ज्यादा हो रहा था। हॉस्पिटल में एक अल्ट्रासाउंड मशीन से मरीजों की जांच हो रही। सरकारी नियम के मुताबिक एक महीने में एक मशीन से 75 अल्ट्रासाउंड किए जाने चाहिए। लेकिन हॉस्पिटल में पिछले 5 महीने में ही औसतन 520 जांचे हर महीने हुई।

नहीं मिलेगी समय पर रिपोर्ट

हॉस्पिटल में दो अल्ट्रासाउंड की मशीनें है। लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की कमी के चलते इनमें से एक ही मशीन से मरीजों की जांच हो रही। सितंबर की पहली तारीख तक ही हॉस्पिटल से रोजाना कई मरीज जांच के बावजूद उसी दिन रिपोर्ट न मिलने पर वापस लौटने को मजबूर होते रहे। दूर दराज से आए ऐसे मरीज को दोबारा हॉस्पिटल तक आने की कसरत करनी पड़ती। मुफ्त जांच होने के बाद हालात और खराब हो जाएंगे। जानकारों ने कई मरीजों को समय पर रिपोर्ट न मिलने की आशंका जता दी है।

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सुबह से लाइन में लगे। दोपहर बाद अल्ट्रासाउंड की जांच हो सकी। डॉक्टर ने रिपोर्ट के लिए अगले दिन आने को कहा है। पहले भी एक बार अल्ट्रासाउंड के लिए आए थे, तो लंबी लाइन की वजह से बिना जांच कराए लौटना पड़ा था। - ओमकार, सिंधौरा

लंबी लाइन में लगने के बाद बीवी का अल्ट्रासाउंड तो हो गया। लेकिन रिपोर्ट के लिए दो घंटे इंतजार करना पड़ा। फिर बताया रिपोर्ट अगले दिन मिलेगी। 25 किमी दूर घर है। रिपोर्ट के लिए फिर से आना पड़ेगा। - अरविंद मिश्र, रिछा

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मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों के लिए अच्छी तो है। लेकिन इससे अल्ट्रासाउंड जांच का मिसयूज बढ़ जाएगा। दो रेडियोलॉजिस्ट पर ही एक्सरे व अल्ट्रासाउंड जांच करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। कोशिश रहेगी समय पर जांच व रिपोर्ट की सुविधा मरीजों को मिले। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस