साईं के प्रति आस्था अकाट्य

साईं बाबा के भगवान होने और मंदिरों में उनकी मूर्ति को लेकर छिड़ा विवाद शांत होने का नाम नही ले रहा है्. इस विवाद में उमा भारती ने साईं समर्थकों का पक्ष लेते हुए कहा है कि साईं ने कभी नही कहा कि वे भगवान हैं और साईं भक्तों ने कभी भी उन्हें 25वां अवतार घोषित करने की मांग नही की. इसके बाद बात आती है आस्था की तो भारत में हम अपने मां बाप और घर आए मेहमान तक में भगवान देखने की परंपरा है. इसके बाद उन्होंने कहा कि साईं दर पर हजारों लोगों ने माथा टेका और उनके कष्ट दूर हुए हैं.

महिला अखाड़ा उतरा शंकराचार्य के पक्ष में

इस विवाद में धीरे-धीरे शंकराचार्य का पक्ष भी मजबूत होता दिख रहा है. द्वारकापीठ के शंकराचार्य के पक्ष में प्रयाग में महिला अखाड़ा उतर आया है. इस सिलसिले में कई और अखाड़ा परिषद शंकराचार्य का साथ देने के लिए सामने आ रहे हैं. गौरतलब है कि प्रयाग के महिला अखाड़े ने प्रयाग में साई मंदिरों से मूर्तियां हटाने की मुहिम शुरू कर दी है. महिला अखाड़ा ने यह डिसीजन एक अहम मुलाकात में लिया.

प्रयाग से होगा विरोध शुरू

महिला अखाड़ा के मेंबर्स के अनुसार वे साईं प्रतिमा का विरोध प्रयाग से शुरू करेंगे. इसके लिए वे जनजागरण अभियान चलाएंगे. महिला अखाड़ा की मुखिया सद्गुरु त्रिकाल भवंता के अनुसार महिला अखाड़े की साध्वियां हिंदू मंदिरों में साईं प्रतिमा की स्थापना किए जाने पर रोक लगाने के लिए लोगों को से बात करेंगी. इसके साथ लोगों को साईं प्रतिमा की स्थापना न करने का संकल्प दिलाया जाएगा.

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