- मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश, मूलभूत सुविधा न होना बना वजह

- तय समय में कराना होगा वैध, कट ऑफ डेट के बाद होगी मुश्किल

LUCKNOW: मुख्य सचिव राजीव कुमार ने सूबे की अनाधिकृत विकसित कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध न होने की व्यवहारिकता को दृष्टिगत रखते हुए इनका नियमितीकरण कराये जाने के निर्देश दिए। जल्द ही इस बाबत गाइडलाइन भी जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्धारित कट-ऑफ डेट के बाद अनाधिकृत कॉलोनियों का विकास कतई नहीं होना चाहिए। ऐसा होने की स्थिति पर प्राधिकरण तथा संबंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रमाण पत्र लेना होगा जरूरी

मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि प्राधिकरण में स्थानांतरित होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चार्ज हस्तांतरण के समय गूगल मैप पर उनकेकार्यक्षेत्र में स्थित भूमि पर अवैध कॉलोनियां विकसित होने अथवा न होने का प्रमाण-पत्र अवश्य प्राप्त किया जाये। इससे कार्यभार ग्रहण करने पर उसे अपने कार्यक्षेत्र की वस्तुस्थिति की जानकारी आसानी से मिल जाएगी। वहीं कार्यावधि में हुए अवैध निर्माण का पता सरलतापूर्वक प्राप्त हो जाने पर दोषी पाये जाने पर उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित होगी। मुख्य सचिव मंगलवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा देश के अन्य राज्यों यथा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब तथा कर्नाटक द्वारा घोषित अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए जारी गाइड लाइन के अध्ययन के बाद प्रदेश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यावहारिक गाइडलाइन बनाने के उद्देश्य से प्रस्तावित नीति के प्रस्तुतीकरण पर आवश्यक निर्देश दे रहे थे।

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बैंकों से लोन मिलना होगा आसान

वहीं प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि अनाधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण से वहां के निवासियों को बैंकों आदि से लोन प्राप्त करना संभव एवं सुविधाजनक हो सकेगा। उनके निर्माणों को तोड़े जाने का भय नहीं रहेगा और साथ ही साथ मौलिक जनसुविधाओं की उपलब्धता होने के फलस्वरूप इन कालोनियों के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। उन्होंने बताया कि अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2001 में गाइडलाइंस जारी हुई थी, इसमें दिक्कतें सामने आने पर वर्ष 2003 एवं 2008 में संशोधन भी किया गया था। इसके बावजूद इन कॉलोनियों के नियमितीकरण में कोई खास प्रगति नहीं हो सकी।