जहरखुरानों की कमाई का है सीजन
फेस्टिव सीजन चल रहा है। यह जहरखुरानों की कमाई का भी सीजन होता है। कारण साफ है कि बाहर नौकरी करने वाला हर शख्स जब घर आता है तो फिर उसकी जेब थोड़ी गर्म रहती है। बस, इसी गर्म जेब पर जहरखुरानों की नजर होती है। इसे देखते हुए इस बार जहरखुरानों से निपटने के लिए आरपीएफ अंडर कवर एजेंट्स को मैदान में उतार रही है। यह एजेंट पैसेंजर्स बनकर ट्रेनों में सवार होंगे और संदिग्ध दिखने वाले व्यक्तियों पर नजर रखेंगे। फेस्टिव सीजन में ज्यादा ट्रेनें होती हैं और पैसेंजर्स की ज्यादा भीड़ होती है। ऐसे में आरपीएफ के इन अंडर कवर एजेंट की संख्या भी इस बार ज्यादा होगी।

जहरखुरानों पर होगी निगाह
आरपीएफ के सीनियर ऑफिसर्स बताते हैं कि जहारखुरानी कब किसके साथ कहां पर हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसलिए आरपीएफ के कुछ ट्रेंड स्टॉफ को जहरखुरानी को रोकने की जिम्मेदारी दी गई है। यह लोग सिविल डे्रस में एकदम साधारण पैसेंजर्स की तरह ट्रेनों के जनरल व स्लीपर क्लास में सवार हो जाएंगे। उसके बाद अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति है तो उस पर नजर रखी जाएगी। सिविल ड्रेस में होने के चलते जहरखुरानों को किसी पर शक नहीं होगा। सीनियर ऑफिसर्स ने बताया कि आरपीएफ के इन स्टॉफ को जनरल कोच में ज्यादा फोकस करने को कहा गया है।

पहले भी उतारी गई थी टीम
लास्ट ईयर जहरखुरानी की कई घटनाएं लगातार होने के बाद आरपीएफ ऑफिसर्स ने स्पेशल टीम बनाई थी। यह टीम दिल्ली से चलने वाली ट्रेनों से सिविल डे्रस में सवार होती थी। और फिर कोच में जगह-जगह घूमकर संदिग्ध लोगों पर नजर रखा करती थी। इसी दौरान पुरुषोत्तम, रीवां सहित कई ट्रेनों में आरपीएफ की इस टीम को सफलता मिली थी। उन्होंने रंगे हाथ कई जहरखुरानों को पकड़ा था। जिसके बाद से दिल्ली-बिहार रूट पर चलने वाली ट्रेनों में जहरखुरानी की घटनाएं कम हुई थीं। लेकिन फेस्टिव सीजन नजदीक आने पर एक बार फिर जहरखुरानी गैंग एक्टिव हो गए हैं।

30 से ज्यादा आरपीएफ जवानों की टीम
आरपीएफ ऑफिसर्स ने बताया कि 25 से 30 जवानों की टीम को जहरखुरानी की घटनाओं को रोकने के लिए लगाया गया है। इसमें से कुछ लोग दिल्ली स्टेशन से तो कुछ बीच के अन्य स्टेशनों से ट्रेनों के डिफरेंट कोच में सवार होंगे और फिर जहरखुरानी गैंग या संदिग्ध लोगों पर नजर रखेंगे। जहरखुरान ज्यादातर जनरल व फिर स्लीपर क्लास के पैसेंजर्स को टारगेट करते हैं। ऐसे में जवानों को भी इन्हीं कोच पर फोकस करने के लिए कहा गया है।

जवानों को ट्रेनिंग दी गई
आरपीएफ ऑफिसर्स ने बताया कि इन जवानों को ट्रेनिंग भी दी गई है। जिसमें उसको जहरखुरानी की घटनाओं में वांटेड लोगों की फोटोग्राफ्स भी उपलब्ध कराई गई है। ताकि वह जहरखुरानी गैंग के मेंबर्स को आसानी से ट्रेस कर पाए। इसके साथ ही इन जवानों को जहरखुरानी के शिकार को किस तरह से ट्रीट किया जाए? उसके बारे में भी डिटेल्स में जानकारी दी गई है।

और भी किए हैं कई इंतजाम
-ट्रेनों की स्टार्टिंग प्वाइंट पर पैसेंजर्स को जहरखुरानी से अवेयर किया जाएगा।
-ट्रेनों के कोच में पंपलेट भी लगाया जाएगा, ताकि पब्लिक उनसे अवेयर रहे।
-स्टेशनों में भी एनाउंस करके पैसेंजर्स को जहरखुरानी से अवेयर किया जाएगा।
-ट्रेनों में जहरखुरान किस तरह से पब्लिक को टारगेट करते हैं उनकी तरकीब भी बताई जाती है।
-सफर के दौरान किन-किन बातों को ध्यान रखना चाहिए, इस बारे में भी पैसेंजर्स को बताया जाएगा।