- खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थी परिवार की चल रही आधार फीडिंग

- बुजुर्गो का फिंगर प्रिंट नही हो रहा मैच, सूची से बाहर होने का मंडरा रहा खतरा

ALLAHABAD:

सरकारी अनाज बुजुर्गो को रास नही आ रहा है। इसीलिए उनके नाम के राशन कार्ड से बाहर होने की नौबत आ चुकी है। मामला खाद्य सुरक्षा अधिनियम का है। सरकार ने लाभार्थी परिवार के प्रत्येक सदस्य का आधार लिंक कराने का आदेश दिया तो अभियान शुरू हो गया। अब 55 साल से ऊपर के बुजुर्गो का आधार लिंक नही होने से उनको सूची से बाहर किए जाने का डर सताने लगा है। फिलहाल शासन ने उनको अनाज उपलब्ध कराने का आदेश दे दिया है। अधिकारियों की माने तो चिंता की कोई बात नही है।

घिसी उंगलियों को नहीं पढ़ रहा स्कैनर

जिन लोगों के आधार पूर्व में बने थे और अब उनकी उम्र 55 साल के ऊपर है। ऐसे लोगों का फिंगर प्रिंट स्कैनर रीड नही कर पा रहा है। ऐसे लोगों को योजनाओं का लाभ मिलने से वंचित होने का खतरा मंडराने लगा है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम में यही हालात हैं। लाभार्थी परिवार सदस्यों के आधार फीडिंग में ऐसे बुजुर्ग सूची से बाहर हो सकते हैं। लेकिन सरकार ने उनके लिए नियम में थोड़ी ढिलाई बरत दी है। उनको केवल अपने आधार, वोटर कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस में से किसी एक डाक्यूमेंट को जमा करना होगा।

दस लाख लोग हैं सूची में शामिल

लाभार्थियों की सूची में जिले के दस लाख लोगों को शामिल किया गया है। यह सभी दो रुपए किलो की दर से गेहूं और तीन रुपए की दर से चावल प्राप्त कर रहे हैं। चीनी भी इन्हें महज 13 रुपए प्रति किलो की दर से मिल रही है। इस योजना में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए शासन द्वारा आधार से लिंक किया जा रहा है। अब यह अभियान तेजी से चल रहा है और लाभार्थियों के परिवार के प्रत्येक सदस्य का आधार लिंक किया जा रहा है।

वर्जन

जिन बुजुर्गो के फिंगर प्रिंट मैच नही हो रहा है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नही है। वह अपने आधार, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर कार्ड में से एक की फोटो कॉपी जमा करा दें। उन्हें अनाज उपलब्ध करा दिया जाएगा।

-पृथ्वीराज, एआरओ, खाद्य आपूर्ति विभाग