बढ़ रहा है underage drinking का trend
क्लास 9 में पढऩे वाली स्नेहा (काल्पनिक नाम) अभी 14-15 साल होगी लेकिन पियर प्रेशर में आकर उसे अभी से ड्रिंक करने की लत लग गई। पेरेंट्स को जब इस बात का पता चला तो वो उसे काउंसलिंग के लिए साइकियाट्रिस्ट के पास ले गए। इस तरह की बातें आमतौर पर मेट्रो सिटीज में सुनने को मिलती थीं लेकिन अब जमशेदपुर जैसी सिटी में भी अंडरएज ड्रिंकिंग तेजी से बढ़ रहा है।

कम उम्र में लग रही बुरी लत
कम्यूनिटी अगेंस्ट ड्रंकेन ड्राइविंग एनजीओ की ओर से पŽस और बार्स में जाने वाले 1000 यूथ के बीच किए गए एक रिसर्च के अनुसार मुंबई में मिनिमम लीगल ड्रिंकिंग एज 21 साल होने के बावजूद इनमें से 62 परसेंट यूथ 14 से 21 साल के होते हैं। दिल्ली में ऐसे यूथ का परसेंटेज और भी ज्यादा है। ये तो बात हुई मेट्रो सिटीज की लेकिन ये लत अब टायर टू सिटीज में भी पहुंचने लगी है। जमशेदपुर में ऐसे ड्रिंकर्स तेजी से बड़ रहे हैं। स्टेट में मिनिमम लीगल ड्रिंकिंग एज 21 साल होने के बावजूद अंडरएज यूथ को ना सिर्फ लिकर अवेलेबल हो जाता है बल्कि कई बार ये बार्स में भी जाकर ड्रिंक करते हैं। ड्रिंक करने वालों में Žवॉयज और गल्र्स दोनों शामिल हैैं।

Students में है demand
साकची स्थित सागर बार एंड रेस्टोरेंट के ओनर सुखबीर सिंह राजा ने कहा कि बार में कई यंग एज के लडक़े ड्रिंक के लिए आते हैं। एज को लेकर डाउट होने पर जब ड्रिंक देने से मना किया जाता है तो वे खुद की एज ज्यादा बताने लगते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कोई डाउट रह जाने पर उन्हें बियर के अलावा कुछ नहीं दिया जाता। भले ही किसी बार में ड्रिंक ना मिले लेकिन यूथ के लिए लिकर का इंतजाम करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। कई अडंरएज यूथ बार के बजाय लिकर शॉप से खरीदकर अपने शौक को पूरा करते हैं।

दिख रहा है increasing trend
एक्साइज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर राकेश कुमार ने बताया कि इलीगल ड्रिंकिंग के लिए पकड़े जाने वालों में करीब 10 परसेंट संख्या अंडरएज यूथ की होती है। सिटी में अंडरएज ड्रिंकिंग बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सिटी में पब नहीं हैं। जिसके चलते अंडरएज ड्रिंकिंग कुछ कम दिखाई देती है। ऐसे में उनकी संख्या का अंदाजा लगाने में थोड़ी मुश्किल होती है।

Counselling की है जरूरत
अंडरएज ड्रिंकिंग की बढ़ती लत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अब लोग इस लत से छुटकारा पाने के लिए काउंसलिंग का सहारा भी लेने लगे हैैं। साइकियाट्रिस्ट डॉ संजय अग्र्रवाल ने कहा कि उनके पास अंडरएज ड्रिंकिंग के कई मामले आते हैं। इनमें Žवॉयज और गर्ल्स दोनों होते हैं।

क्या है वजह
डॉ संजय अग्र्रवाल अंडरएज ड्रिंकिंग की सबसे बड़ी वजह पियर प्रेशर बताते हैैं। उनके मुताबिक कई लडक़े-लड़कियां अपने क्लासमेट या सीनियर्स के उकसावे में आकर ड्रिंक करना शुरू करते हैं। यही धीरे-धीरे लत बन जाती है। साइकियाट्रिस्ट के अनुसार स्ट्रेस, क्यूरियोसिटी, ज्यादा फ्रीडम के साथ-साथ एन्वॉयरमेंट, पर्सनाल्टी जैसे फैक्टर्स भी इसकी वजह हो सकते हैं।

महंगी पड़ सकती है ये लत
एक्सपटर्स की मानें तो अंडरएज ड्रिंकिंग से ब्रेन डेवलपमेंट में चेंजेज आते हैं। जिसका लाइफ-लांग इफेक्ट होता है। ड्रंकन ड्राइविंग एक्सीडेंट्स की एक बड़ी वजह बनती है। डॉ संजय अग्र्रवाल ने कहा कि नशे की हालत में फिजिकल और सेक्सुअल असॉल्ट का भी खतरा रहता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंडरएज ड्रिंकिंग से अल्कोहल प्वाइजनिंग और मेमोरी प्रॉब्लम का भी खतरा रहता है।

ड्रिंकिंग के लिए पकड़े जाने वालों में करीब 10 परसेंट अंडरएज होते हैं। झारखंड में अंडरएज ड्रिंकिंग पर एक से लेकर 10 हजार तक फाइन है।
-राकेश कुमार,
असिस्टेंट कमिश्नर, एक्साइज डिपार्टमेंट

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