शहर में अंडरग्राउंड डस्टबिन्स योजना लटकी अधर में

- 80 में से लग पाए केवल 30 डस्टबिन्स

- कंपनी का कहना नहीं किया निगम ने भुगतान

- निगम बोला पहले काम, फिर दाम

DEHRADUN: नगर निगम की शहर में अंडरग्राउंड डस्टबिन्स लगाने की योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है। निगम को कुल 80 डस्टबिन्स लगाने थे लेकिन अभी तक केवल फ्0 डस्टबिन्स ही लग पाए हैं। दरअसल योजना में लेटलतीफी का कारण संबंधित कंपनी को भुगतान न किया जाना बताया जा रहा है। इधर नगर निगम का कहना है कि जैसे ही कंपनी काम पूरा कर देगी उसे भुगतान कर दिया जाएगा।

भुगतान न होने से लटका है काम

शहर में कूड़े के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए अंडरग्राउंड डस्टबिन्स लगाने की कवायद शुरू हुए एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। योजना सात माह में पूरी की जानी थी, लेकिन संबंधित कंपनी को भुगतान न मिलने के चलते ये योजना अधर में लटकी हुई है। अंडरग्राउंड डस्टबिन्स लगाने का काम जोंटा कंपनी को दिया गया था, कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम ने अभी तक केवल क्0 परसेंट धनराशि का ही भुगतान किया है, ऐसे में काम आगे नहीं बढ़ पा रहा। कंपनी का कहना है कि निगम ने अभी तक केवल फ्0 लाख रुपए का भुगतान किया है, जबकि कंपनी अपने स्तर से ख् करोड़ 80 लाख रुपए खर्च कर चुकी है।

भूमि विवाद भी है कारण

अंडरग्राउंड डस्टबिन्स लगाने के लिए जिन स्थानों को नगर निगम द्वारा चिन्हित किया गया है। उनमें से कई जगहों पर जमीन को लेकर विवाद भी बताया जा रहा है। निगम के मुताबिक क्0 जगहों पर भूमि विवाद के कारण काम रुका हुआ है।

7 महीने में लगे फ्0 डस्टबिन्स

अंडरग्राउंड डस्टबिन्स योजना को पूरा करने के लिए सात महीने का समय नियत किया गया था, लेकिन इस मियाद में कंपनी केवल एक तिहाई काम ही पूरा कर पाई है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि अगर नगर निगम जल्द भुगतान कर दे तो काम एक महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।

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- कंपनी ने अपने स्तर से ख् करोड़ 80 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं, जबकि हमें भुगतान सिर्फ क्0 परसेंट हुआ है। यदि निगम बकाया राशि का भुगतान कर देता है तो एक महीने के भीतर काम पूरा हो जाएगा।

अभिषेक,नॉर्थ हेड, जोंटा कंपनी।

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जिन स्थानों पर विवाद है उन्हें छोड़कर अन्य स्थानों पर निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी डस्टबिन्स भी आ चुके हैं। हमने कंपनी से कहा है कि पहले काम पूरा करे, कंपनी को पूरा भुगतान कर दिया जाएगा।

कैलाश गुंज्याल, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम।