खोज अभियान की अगुवाई कर रहे सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल एंगस ह्यूस्टन ने कहा कि ब्लूफीन-21 ड्रोन को नीचे समुद्र के तल पर मलबे के खोज करने के लिए जितनी जल्दी हो सके, भेजा जाएगा.

खोजी दल पिंगर लोकेटर की मदद से विमान के "ब्लैक बॉक्स" से निकलने वाली सिग्नलों की पहचान करने में लगी है.

हालांकि आठ अप्रैल के बाद से अब तक कोई नया सिग्नल रिकॉर्ड नहीं किया गया है. इस बीच चिंता जताई जा रही है कि इसकी बैटरी कहीं समाप्त ना हो गई हो.

इस विमान पर 239 लोग सवार थे और ये विमान आठ मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग जाने के दौरान लापता हो गया था.

लंबी मशक्कत

अब रोबोट पनडुब्बी खोजेगी लापता विमान

मलेशियाई अधिकारियों को सैटेलाइट डेटा के आधार पर विश्वास है कि विमान हिंद महासागर के दक्षिण में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

अंतरराष्ट्रीय खोज अभियान ऑस्ट्रेलियाई शहर पर्थ के पश्चिम में समुद्र में केन्द्रित है.

खोज अभियान से जुड़े लोग आशंकित है क्योंकि समय बीतता जा रहा है, ब्लैक बॉक्स की बैटरी केवल एक महीने तक ही चल सकती है और एक महीना पहले ही बीत चुका है.

ह्यूस्टन ने कहा कि छह दिनों में कोई भी सिग्नल नहीं मिला है, अब वक़्त आ गया है कि समुद्र के नीचे जाए.

ब्लूफीन-21 लगभग 5 मीटर लंबा स्वचालित पनडुब्बी है जो समुद्र की तल का पिछले हफ़्ते रिकार्ड किए गए चार सिग्नलों के आधार पर चिह्नित किए गए क्षेत्र का मानचित्र तैयार कर सकता है.

अब रोबोट पनडुब्बी खोजेगी लापता विमान

अधिकारियों का मानना है कि पिंगर लोकेटर की मदद से रिकॉर्ड किए गए सिग्नल विमान के "ब्लैक बॉक्स" के है.

ह्यूस्टन ने कहा, " चारों सिग्नल के विश्लेषण समुद्र के तल पर एक सिमित क्षेत्र में खोज करने की संभावना बनाता है. "

उन्होंने आगाह किया कि खोज लंबे वक़्त तक चलने वाली और आख़िर में बिना परिणाम वाली " मशक्कत " साबित हो सकती है.

ब्लूफीन-21 मिशन 24 घंटे तक चलेगी जिसमें से 16 घंटे तक पनडुब्बी समुद्र की तल पर बिताएगा और चार घंटे डेटा रिकॉर्ड करने में लगाएगा.

इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने कहा था कि उन्हें विश्वास है वे सही दिशा में लापता विमान की खोज कर रहे हैं.

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