स्टेडियम की चहारदीवारी जगह-जगह से टूट चुकी है। इस स्टेडियम का कभी शानदार पैवेलियन हुआ करता था, जिसपर खिलाडिय़ों को नाज था, वह आज जर्जर हो चुका है। स्टेडियम में बनाई गई इमारत खंडहर में तब्दील हो गई है और कभी भी गिर सकती है। साल 2004 में इस स्टेडियम में जयपाल सिंह की मूर्ति का अनावरण सीएम अर्जुन मुंडा ने किया था, लेकिन आज यह भी बदहाल है.  हालांकि कुछ संगठन इस स्टेडियम की हालत सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यक नाकाफी साबित हो रहा है। जयपाल सिंह के नाम पर यह स्टेडियम आज से 45 साल पहले रांची के डीसी रहे एमवी राव की पहल पर श्रमदान और सरकारी सहयोग से बना था।

जयपाल सिंह के नाम पर खानापूर्ति
जयपाल सिंह के नाम पर खेलगांव में मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा मेगा स्पोट्र्स कांप्लेक्स जरूर बनाया गया है, लेकिन यहां पर उनसे संबंधित किसी भी स्मृतियों को नहीं रखा गया है। जबकि हॉकी के इस महान खिलाड़ी से संबंधित बहुत सारी चीजें हैं, जिसे यहां पर प्रदर्शनी के लिए रखा जा सकता है। लेकिन इसके लिए कोई प्रयास नहीं हुआ। हालत यह है कि इस स्पोट्र्स कांप्लेक्स में जयपाल सिंह की उपाधि भी हिंदी और इंग्लिश में गलत लिखी गई है। यहां पर मोरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा मेगा स्पोट्र्स कांप्लेक्स लिखा गया है। जिसमें मोरंग गोमके गलत है। जयपाल सिंह को देशज उपाधि मरङ गोमके दिया गया था। यह मुंडारी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ बड़ा मालिक होता है।

नहीं बना म्यूजियम
हॉकी की नर्सरी कहे जाने वाले झारखंड ने देश को एक से बढ़कर एक हॉकी प्लेयर्स दिए हैं। लेकिन जयपाल सिंह जैसा खिलाड़ी शायद ही कभी इस स्टेट को मिले। ओलंपिक में इंडिया को पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले इस खिलाड़ी की हॉकी से संबंधित स्मृतियों को लेकर एक म्यूजियम बनाने की बात समय-समय पर उठती रही, लेकिन स्टेडियम बनना तो दूर उनसे संबंधित चीजों का संग्रह आजतक नहीं हो पाया।

घर पर बन गया शॉपिंग कांप्लेक्स
हॉकी के महान प्लेयर जयपाल सिंह मुंडा का रांची के सिरमटोली स्थित योगदा सत्संग के सामने जयपाल ओड़ा नाम से आवास था। इस आवास में वह लंबे समय तक रहे। इसी घर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू उनसे मिलने आए थे। कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहे इस घर पर आज एक शॉपिंग कांप्लेक्स बन गया है। इसी कांप्लेक्स में इन दिनों केएफसी रेस्टॉरेंट भी चल रहा है। सरकार चाहती तो इस जगह को संरक्षित कर सकती थी, लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया। आज लोगों को पता भी नहीं है कि कभी जयपाल सिंह का यहां घर था।


Report by Ashwani Kumar Nigam