आयकर पर राहत

जेटली ने कहा कि 2.5 से पांच लाख तक की आय वालों पर मामूली पांच फीसदी टैक्स लगाया गया है। पहले इस स्लैब में कर की दर 10 फीसदी थी, जिसे पांच फीसदी कर दिया गया है। जेटली ने कहा कि 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख रुपए से कम आय दिखाई है। जबकि 1.25 लाख लोगों ने 50 लाख रुपए आय की घोषणा की है। सिर्फ 20 लाख व्यापारी ही 5 लाख की आय दिखाते हैं। अब तीन लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। पांच लाख रुपए से अधिक की आय पर 12,500 रुपए की छूट दी गई है। वहीं, 50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की आय पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा।

तीन लाख से अधिक कैश के लेन-देन पर रोक

तीन लाख से ज्यादा का कैश लेन-देन नहीं हो पाएगा। जेटली ने कहा कि सस्ते घरों की स्कीम जारी रहेगी। बिल्ड-अप एरिया को ही कारपेट एरिया माना जाएगा। राजनीतिक पार्टियां ज्यादातर चंदा नकद के रुप में लेती हैं। वर्तमान में 20 हजार रुपए तक हिसाब नहीं देना होता है। अब दो हजार रुपए से अधिक नकद में चंदा नहीं ले सकेंगी, इससे ज्यादा लेने पर हिसाब देना होगा।

कर्ज लेकर भागने वालों पर लगेगी लगाम

कर्ज लेकर देश छोड़कर भागने वालों को लेकर नया कानून लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगोड़ों के लिए नया कानून बनाया जाएगा, उनकी संपत्ति जब्त होगी। जेटली ने कहा कि देश में नकदी की प्रचुरता के कारण कर चोरी आम बात हो गई है।

बुजुर्गों पर भी ध्यान

बजट 2017-18 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ नागरिकों का भी पूरा ध्यान रखा है, विशेषकर उनकी सेहत का। इसके अलावा तीन बीमारियों को खत्म करने की भी बात कही गई है। इस बजट में वर्ष 2025 तक चेचक, टीबी व कुष्ठ रोग खत्म करने का लक्ष्य रखा गया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार पर आधारित स्मार्ट कार्ड लॉन्च करने की योजना बनाने की घोषणा की गई है। इसके अलावा एलआईसी बुजुर्गों के लिए नई योजना लेकर आएगी जिसके तहत हर साल 8 फीसद का एश्योर्ड रिटर्न दिया जाएगा।

डिजिटल योजना पर जोर

वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रस्तुत आम बजट में सरकार का पूरा ध्यान अपनी डिजिटल योजना को बढ़ाने पर रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके अंतर्गत की गई घोषणा में लोगों को अधिक से अधिक इसका उपयोग करने की अपील की है। सदन में आम बजट 2017 को प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हाल ही में जारी भीम ऐप को अब तक करीब सवा करोड़ लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। इस योजना को बढ़ावा देेने का मकसद भ्रष्टाचार में कमी लाना भी है। इसके अलावा भीम ऐप के इस्तेमाल करने वालों के लिए उन्होंने रेफरल स्कीम की भी घोषणा की है। साथ ही कैश बैक स्कीम की भी घोषणा की है। अधिक से अधिक डिजिटलाइज्ड करने के मकसद से ई टिकट पर सर्विस टैक्स न लगाने की भी घोषणा की है।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी का एलान

इस बजट में युवाओं, किसानों, महिलाओं, गरीबों और गांव के विकास पर खासा जोर दिया गया है। आईआईटी जैसी बड़ी एंट्रेंस परीक्षाओं के आयोजन के लिए नई बॉडी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी का एलान भी अरुण जेटली ने किया है। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि आईआईटी, सीबीएसई और एआईसीटीसी अब प्रवेश परीक्षाएं नहीं लेंगी। प्रवेश परीक्षा के लिए एक नई संस्था का गठन किया जाएगा। यह एजेंसी पूरे देश के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करेगी। देश में अभी तक अलग-अलग बॉडी जैसी सीबीएसई, आईआईटी और एआईसीटीई प्रवेश परीक्षाएं कराती हैं। अब नई संस्था नेशनल टेस्टिंग सर्विस (एनटीएस) को इन सभी परीक्षाओं की जिम्मेदारी दी जाएगी। इन प्रवेश परीक्षाओं में हर साल 40 लाख छात्रों से ज्यादा बैठते हैं।

मनरेगा योजना के तहत बढ़ाई राशि

आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मनरेगा के तहत मिलने वाली रकम में जबरदस्त इजाफा किया है। इसका मकसद पिछड़े इलाकों रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के अलावा वहां की आमदनी बढ़ाने का है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण के दौरान मनरेगा में 48,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है। वर्ष 2016-17 में इस योजना के तहत मिलने वाली राशि करीब 37,000 करोड़ रुपये थी। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी पहले की तुलना में काफी बढ़ी है। उनके मुताबिक इसमें करीब पचास फीसद का इजाफा हुआ है।

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