- वीसी ने पटल चेंज करने के लिए बाबुओं की फ्राइडे को तैयार कराई लिस्ट

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BAREILLY

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के चर्चित थप्पड़कांड के पीछे का असल कारण बताए जा रहे 60 करोड़ी बाबू सुनील कुमार यादव का कैंपस में रुतबा किसी अफसर से कम नहीं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक क्लर्क होने के बावजूद उसकी सेवा में एक खास कंप्यूटर ऑपरेटर और माली तैनात किया गया। यही नहीं आरयू मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के इस पूर्व अध्यक्ष के सरकारी आवास में बाकी कर्मचारियों से इतर विशेष निर्माण किया गया।

बाबू नंबर वन के लिए खास कम्प्यूटर ऑपरेटर

अफसरों की नजरों में सुनील कुमार यादव इतने खास हैं कि खुद एक क्लर्क होने के बावजूद उनका काम निपटाने के लिए एक उन्हें कम्प्यूटर ऑपरेटर दिया गया। वह भी पूरी जुगाड़ से। दरअसल, यूनिवर्सिटी कई तरह के काम दिल्ली की मैसर्स लायन्स वर्कफोर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्म को आउटसोर्स किए गए हैं। कंपनी की ओर से चार कैटेगरी में लोग तैनात हैं। इनमें सबसे ज्यादा 9200 रुपए प्रति माह का भुगतान टेक्निकल लेबर को किया जाता है, जिनमें कम्प्यूटर ऑपरेटर भी शामिल हैं। इसी श्रेणी के एक कम्प्यूटर ऑपरेटर मोहम्मद हसनैन को सुनील यादव की सेवा में तैनात किया गया है। इस पोस्ट को व‌र्ल्ड बैंक के टीईक्यूआईपी-3 प्रोजेक्ट के तहत क्रिएट किया गया है।

सुनील के लिए सबसे पहले बना तीसरा कमरा

वरिष्ठ सहायक सुनील कुमार यादव के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस के 'ओ' ब्लॉक में बने टाइप 2 आवास (दो कमरों वाले) का ग्राउंड फ्लोर आवंटित है। इसकी तीन बिल्डिंग्स में कुल 12 आवास हैं। करीब 4 महीने पहले कर्मचारियों की मांग पर इस ब्लॉक में बने सभी आवासों में एक अतिरिक्त कमरे का निर्माण शुरू हुआ। यूपी पीडब्लूडी को निर्माण का जिम्मा सौंपा गया। खास बात यह है कि बाकी 11 आवासों में तो सिर्फ दीवारें खड़ी हो सकी हैं। न छत पड़ी हैं और न फर्श, लेकिन यूनिवर्सिटी के इस बाबू नंबर वन के आवास में न केवल तीसरा कमरा सबसे पहले बनकर तैयार हो गया बल्कि उसमें सुनील यादव रहने भी लगे हैं।

सरकारी घर के बगीचे के िलए खास माली

सुनील कुमार यादव का रुतबा इतना ज्यादा है कि उनके सरकारी क्वार्टर पर यूनिवर्सिटी की ओर माली तैनात है। वह रोज सुनील के बगीचे में बागवानी करता है। यह विशेष सुविधा ओ ब्लाक में रहने वाले बाकी 11 में से किसी भी कर्मचारी को नहीं दी गई है।

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वीसी बोले लिस्ट तैयार, हटेगा बाबू

मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के 60 करोड़ी बाबू की न्यूज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में पब्लिश होने के बाद वीसी ने बाबुओं की सुबह ही लिस्ट तैयार करा ली। लिस्ट तैयार कराने के बाद चुपचाप बाबुओं के पटल चेंज करने की तैयारी भी शुरू कर दी है। यह पूरी यूनिवर्सिटी में चर्चा का विषय बना रहा। लेकिन इस बारे में अफसरों ने कुछ भी बोलने पर चुप्पी साध ली।

मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन की मांगे पूरी

मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन की जिन मांगों को लेकर हुई बैठक में कर्मचारी भिड़ गए थे। उन सभी मांगों को पूरा करने के लिए वीसी प्रो। अनिल शुक्ल ने सहमति फ्राइडे को जता दी है। मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन इस बात को लेकर काफी खुश है कि वह जिन मांगों के लिए छह महीने से संघर्ष कर रहे थे और धरना दे रहे थे वह एक ही बार में वीसी ने मान ली हैं। जिसमें हाउस लोन, व्हीकल लोन की लिमिट और भत्ता आदि बढ़ाए जाने की भी मांग थी।

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बाबुओं के पटल चेंज करने के लिए लिस्ट सुबह ही तैयार करा ली है। एक दो दिन में पटल चेंज कर दिया जाएगा।

प्रो। अनिल शुक्ल, वीसी आरयू