- यूनिवर्सिटी निजी कॉलेजों को दे रहा है मान्यता

- एमएमसी और एमजे कोर्स बंद होने के बाद भटक रहे स्टूडेंट्स

आगरा। यूनिवर्सिटी में निजी कॉलेजों को बढ़ावा देने का काम किया जा है। अब डॉ। बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी अपने यहां संचालित हो रहे दो डिग्री कोर्सेस को बंद कर रहा है, ताकि फायदा निजी कॉलेजों को पहुंचे। जबकि इन कोर्सेज में स्टूडेंट्स की संख्या अच्छी खासी है। अब इन कोर्सेज को बंद करने के बाद स्टूडेंट्स को प्राइवेट कॉलेज की शरण लेनी पड़ेगी।

एमएमसी और एमजे हो गए बंद

यूनिवर्सिटी में पालीवाल पार्क स्थित केएमआई कैंपस में चलने वाले एमएमसी (मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन) और एमजे (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म) डिग्री कोर्सेज बंद हो गए हैं। डिग्री कोर्सेज बंद होने से स्टूडेंट्स को सेल्फ फाइनेंस कॉलेज की ओर रुख करना पड़ रहा है।

अपनों से उठ रहा भरोसा

ऐसा लगने लगा है कि यूनिवर्सिटी के आला अधिकारियों का अपनों से भरोसा उठने लगा है। इसलिए सरकारी कैंपस में चलने वाले डिग्री कोर्सेस को बंद कराकर सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को उन्हीं डिग्री कोर्स के लिए मान्यता दी जा रही है।

यूनिवर्सिटी क्यों अपना रहा दोहरी नीति

सवाल ये उठता है कि जिस डिग्री कोर्स को करने के लिए हर साल 200 से ऊपर स्टूडेंट्स आते हैं। आखिरकार उस कोर्स को बंद करने की क्या जल्दी पड़ गई। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। एक ओर यूनिवर्सिटी अपने ही कैंपस में चल रहे कोर्स को बंद करा रही है तो वहीं निजी कॉलेजों को उस कोर्स को बढ़ावा देने के लिए मान्यता दे रही है।

ऐसे तो स्टूडेंट्स का होगा शोषण

जो स्टूडेंट्स एमएमसी और एमजे कोर्स को गवर्नमेंट फीस पर पूरा करते थे। उन स्टूडेंट्स को अब सेल्फ फाइनेंस की मनमानी फीस पर एडमिशन लेना पड़ेगा। जिससे उन स्टूडेंट्स का शोषण भी किया जाएगा।

वर्जन

वर्ष 2009 में इन डिग्री कोर्स को बंद किया गया था। यह मामला मेरे आने से पहले का है। यदि एडमिशन मिल रहे थे तो कोर्स बंद नहीं किए जाने चाहिए थे।

प्रो। मोहम्मद मुजम्मिल, वीसी डॉ। बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी,

यूनिवर्सिटी में एमएमसी व एमजे कोर्स संचालित किए जाते थे। जिन्हें बंद करवा दिया गया है। हर बार 200 से ऊपर स्टूडेंट्स की स्ट्रेन्थ रहती थी।

प्रो। उपेन्द्र शर्मा पीजीडीएमसी