यूनिवर्सिटी के बिगड़े हालातों को लेकर रजिस्ट्रार से मिले सांसद

बीस दिन में समाधान न होने पर करेंगे आंदोलन

आगरा। डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के बिगडे़ हालात से फतेहपुर सीकरी के सांसद चौधरी बाबूलाल खिन्न है। उनका गुस्सा शुक्रवार को यूनिवर्सिटी में उस वक्त नजर भी आया, जब उन्होंने रजिस्ट्रार की चाय का ऑफर तक ठुकरा दिया। उन्होंने यूनिवर्सिटी की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान ये कहकर खडे़ कर दिए कि यहां की चाय में भ्रष्टाचार की बू आती है। हालांकि बाद में चेतावनी भरे लहजे में सांसद ने 20 दिन का अल्टीमेटम रजिस्ट्रार को दिया।

वीसी के न मिलने पर आग बबूला हुए सांसद

दरअसल, सांसद कुलपति प्रो। मोहम्मद मुजम्मिल से मिलने डेढ़ बजे करीब यूनिवर्सिटी पहुंचे, लेकिन उन्हें वीसी नहीं मिले। बस यहीं पर सांसद का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। वीसी के न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वीसी से एक दिन पहले मिलने का समय लिया था। इसके बाद भी वह यूनिवर्सिटी में नहीं मिले। वीसी के न मिलने पर सांसद ने रजिस्ट्रार से बात की।

समाधान नहीं तो जाएंगे लखनऊ

यूनिवर्सिटी में सांसद बाबूलाल 45 मिनट तक रूके। इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्रार के चैंबर में छात्रहित की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। हालांकि सांसद पहले रजिस्ट्रार को समस्या बताने के मूड में नहीं थे, क्योंकि वह वीसी से मिलकर ही छात्रों का दुखड़ा रोना चाहते थे। फिर भी रजिस्ट्रार द्वारा गुस्साए सांसद का मान-मनौव्वल किए जाने पर सांसद ने छात्रों की समस्या को उनके समक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्रार को सात सूत्री ज्ञापन भी दिया।

सांसद ने दी चेतावनी

सांसद ने रजिस्ट्रार को ज्ञापन देते वक्त चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि यदि 20 दिन के अंदर समस्याएं नहीं सॉल्व हुई तो वह खुद आंदोलन करेंगे। जरूरत हुई तो राज्यपाल से मिलकर वीसी और यूनिवर्सिटी प्रबंधन की शिकायत करेंगे।

जब चुप्पी साध गए रजिस्ट्रार

चलते-चलते बीजेपी सांसद को रजिस्ट्रार द्वारा चाय ऑफर की गई। इस पर सांसद ने चाय से भ्रष्टाचार की बू आने की बात कही। सांसद की बात पर रजिस्ट्रार चुप्पी साध गए। सांसद ने रजिस्ट्रार से यूनिवर्सिटी के हालात बदलने के लिए समय मांगा।

ये उठाई समस्याएं

- पंडित दीन दयाल उपाध्याय इंन्सटीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट को शुरू किया जाए।

- सत्र 2013 की मार्कशीट छात्र छात्राओं को जल्द दिलाई जाएं।

- सत्र 2014 के परिणाम जल्द घोषित किए जाएं।

- एजेंसियों की बजाए विवि कर्मचारियों से ही काम कराया जाए।

- छलेसर में बने मूल्यांकन केन्द्र पर ही मूल्यांकन कार्य कराया जाए।

- बीएड घोटालों की जांच सीबीआई से कराई जाए।

- फीस घोटाले में विशेष जांच दल एसआईटी शासन स्तर पर गठित की जाए।