-पटना हाईकोर्ट ने अंबेडकर यूनिवर्सिटी से मांगा जवाब

क्कन्ञ्जहृन्: पटना हाईकोर्ट ने भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर से दो हफ्ते में यह बताने को कहा है कि राज्य सरकार ने उसे कितना फंड दिया है। इस फंड का किस तरह उपयोग किया जा रहा है। यह जानकारी शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायधीश डॉ। अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने कृष्णकांत सिन्हा की ओर से दायर लोक हित याचिका पर सुनवाई करते हुए मांगी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय कर्मचारियों एवं शिक्षकों को समय पर वेतन एवं बकाया नहीं मिल पाता है। उन्हें लाचार होकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। हाईकोर्ट ने पहले सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं रजिस्ट्रार से यह बताने को कहा था कि सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को आखिर समय पर क्यों नहीं राशि दी जाती है।

समय पर क्यों नहीं मिलता वेतन

सुनवाई की पिछली तिथि को प्राय: सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं रजिस्ट्रार को न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। खंडपीठ इस बात को लेकर हैरान है कि आखिर राशि उपलब्ध रहने के बाद भी शिक्षकों को क्यों नहीं समय पर वेतन एवं बकाया मिल पाता है। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को सारी सुविधाओं को बहाल करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। जिसमें अनेक बातों की चर्चा की गई है संभावना यह कि उनकी सारी समस्याएं बैठक के बाद समाप्त हो जाएगी।