- निर्भया कांड के वर्षो बाद भी सवारी वाहनों के स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हो सका

BAREILLY:

सवारी वाहनों से सफर कर रहे यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं। ऑटो, टेम्पो, रोडवेज की अनुबंधित बसों और प्राइवेट बसों के चालक-परिचालकों के आज तक पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हो सका हैं। जबकि, निर्भया कांड के बाद शासन स्तर से इस दिशा में दिशा-निर्देश जारी हुए थे। फिर भी, मामला सिफर रहा। वर्षो बाद ट्रैफिक पुलिस ने ऑटो, टेम्पो यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कवायद शुरू भी की तो आधी-अधूरी तैयारियों के साथ। बिना पुलिस वेरिफिकेशन के ही यूनिक आईडी बांटने का काम शुरू कर दिए हैं।

250 के ही वेरिफिकेशन

शहर में रजिस्टर्ड ऑटो और टेम्पो की संख्या 6 हजार हैं। इनमें से अभी तक 250 के ही पुलिस वेरिफिकेशन हुए हैं। बाकी लोगों को ऐसे ही ट्रैफिक पुलिस यूनिक आईडी बांट रही है। हालांकि, यूनिक आईडी बांटते वक्त चालकों और वाहन मालिकों के नाम, पता और मोबाइल नम्बर नोट किए जा रहे हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि इससे कोई चालक और परिचालक क्राइम में इंवॉल्व है, तो कैसे पता चलेगा। पुलिस वेरिफिकेशन होने तक यदि, किसी यात्री के साथ कोई हादसा हो जाता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। चार दिन पहले इस तरह की घटना शहर में सामने आ चुकी है। सुभाषनगर में हुए कॉल ग‌र्ल्स का मर्डर टेम्पो चालक और उसके दो साथियों ने ही किया था।

बिना आईडेंटिटी कार्ड के बस चालक

यही हाल रोडवेज के अनुबंधित बसों और प्राइवेट बसों के साथ भी है। आरटीओ में टोटल रजिस्टर्ड बसों की संख्या 1000 के करीब हैं। इनमें से प्राइवेट बसों की संख्या 435 हैं। बाकी रोडवेज की अपनी और अनुबंधित बसें हैं। बस के साथ चल रहे परिचालकों और चालकों का पुलिस वेरीफिकेशन आज तक नहीं हुआ है। इतना ही नहीं चालक, परिचालक अपना आईडेंटिटी कार्ड भी कैरी नहीं करते हैं। जबकि, निर्भया कांड के बाद एसी बसों के खिड़कियों से ब्लैक फिल्म और पर्दे हटाने तक के निर्देश जारी हुए थे। साथ ही यह भी बात कही गई थी कि प्रत्येक चालकों और परिचालकों का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए और उन्हें आईडेंटिटी कार्ड जारी किया जाए। ताकि, निर्भया जैसा हादसा दोबारा देश में न हो।

एक नजर

- 6000 ऑटो व टेम्पो हैं रजिस्टर्ड।

- 250 ऑटो व टेम्पो चालकों का हुआ है पुलिस वेरिफिकेशन।

पुलिस वेरिफिकेशन के माध्यम से चालक, कंडक्टर या फिर मालिक क्राइम में इंवॉल्व तो नहीं इसका डेटा बेस तैयार होना हैं।

- एक बार वेरिफिकेशन होने पर वाहन मालिक को चालक बदलने पर एसपी और ट्रैफिक पुलिस को देनी होगी सूचना।

- चालक बदलने की सूचना नहीं देने पर धारा 120 के तहत मुल्जिम मान होगी कार्रवाई।

प्राइवेट व रोडवेज बसें

- 1000 के करीब बसों की संख्या।

- 435 प्राइवेट बसें बाकी रोडवेज की।

- रोडवेज के अनुबंधित बसों और प्राइवेट बस के परिचालकों व चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं।

- आईडेंटिटी कार्ड और वर्दी के साथ नहीं चलते हैं रोडवेज के चालक, परिचालक।

वाहन मालिक के साथ ही चालक का भी वेरीफिकेशन किया जा रहा है। अभी तक 250 ऑटो चालकों को वेरिफिकेशन हो भी चुका हैं। बाकी का वेरिफिकेशन संबंधित थाने की पुलिस कर रही है। यदि, यूनिक आईडी बंटने के बाद कोई चालक को बदल देता है और उसकी जानकारी नहीं देता है, तो वाहन मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसा माना जाएगा कि उसने यह सबकुछ जानबूझ कर किया है।

कमलेश बहादुर, एसपी ट्रैफिक

बस मालिकों को समय-समय पर निर्देश दिए जाते हैं, कि वह पुलिस वेरीफिकेशन कराने के बाद ही चालकों और परिचालकों को बस पर रखे। यदि, वह ऐसा नहीं कर रहे है, तो गलत है। उनके खिलाफ नोटिस जारी किए जाएगा। फिर भी वह ऐसा नहीं कर रहे है, तो कार्रवाई की जाएगी।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन