- आईआईटी में हाई परफार्मेस कम्प्यूटिंग पर दो दिवसीय वर्कशॉप शुरू

- एक्सपर्ट ने सिमुलेशन टेक्निक पर डिटेल मे डिस्कशन किया

KANPUR: सिमुलेशन टेक्निक से तूफान या बाढ़ से होने वाली तबाही का अंदाजा लगाना संभव है। जिसकी मदद से उस तबाही से बचने की तैयारी करने का मौका भी मिल जाता है। इतना ही नहीं इस टेक्निक की मदद से यह भी पता लगाया जा सकता है कि परमाणु बम गिरने पर किस हद तक डैमेज करेगा। इस वक्त हाई परफार्मेस कम्प्यूटिंग(सुपर कम्प्यूटर) का इस्तेमाल हर जगह किया जा रहा है। इसमें सिर्फ मॉडल चेंज होते रहते हैं। फ्राइडे को यह जानकारी एक्सपर्ट की टीम ने आईआईटी के आईएमई डिपार्टमेंट के सेमिनार हाल में हाई परफार्मेस कम्प्यूटिंग की दो दिवसीय वर्कशाप के दौरान दी।

अच्छी रिसर्च पर फोकस करें

आईआईटी डायरेक्टर प्रोफेसर इन्द्रनील मान्ना ने वर्कशॉप का इनॉग्रेशन दीप जलाकर किया। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री व एकेडमिया का गठजोड़ अब समय की मांग बन गया है। रिसर्च इस तरह की होनी चाहिए जिससे सोसाइटी को सीधा फायदा मिले। अब अच्छी रिसर्च पर फोकस करने की जरूरत है। इस तरह के आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए।

रिवर्स स्विंग में भी एचपीसी का यूज

एयरो स्पेस एचओडी प्रो। संजय मित्तल ने वर्कशॉप के दौरान एयरोडायनमिक्स कम्प्यूटिंग के बारे में जानकारी दी। रिवर्स स्विंग बालिंग में किस तरह से एचपीसी का यूज हो रहा है, इस विषय पर भी विस्तार से समझाया। किस आकार की शटल कॉक किस तरह से मूव करते हुए जाएगी, इसको उदाहरण देते हुए बताया। वर्कशॉप के दौरान हवाई जहाज के पंख पर भी फोकस किया गया। डीन रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट प्रो। अमलेंदु चन्द्रा ने भी एचपीसी पर जानकारी दी। वर्कशॉप में डीएलवीके प्रसाद, इंटल के आस्टिन, ओम सचान, डॉ। ब्रजेश पांडेय व अन्य मौजूद रहे।