-एलटी ग्रेड के टीचर जांच रहे इंटर के सब्जेक्ट की कॉपियां

>BAREILLY : यूपी बोर्ड एग्जाम में अपीयर हुए स्टूडेंट्स का भविष्य अयोग्य शिक्षकों के हाथ में है। जो इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स की कॉपियां जांच रहे हैं। प्रिंसिपल्स से साठगांठ कर इवैलुएटर बन गए हैं और कॉपियां चेक कर रहे हैं। हालांकि शिक्षा विभाग मूल्यांकन केंद्रों पर होने वाली गड़बडि़यों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने का दावा कर रहा है। सभी डिप्टी हेड इवैलुएटर को निर्देश दिए हैं कि किसी भी इवैलुएटर पर शक होने पर डीआईओएस को सूचना दें। साथ ही हर सेंटर्स पर दो-दो पर्यवेक्षक तैनात किए हैं। हालांकि थर्सडे शुरू हुए पांच सेंटर्स पर मूल्यांकन में अयोग्य शिक्षकों ने कॉपी चेक की लेकिन शिक्षा विभाग किसी को पकड़ नहीं सका।

केस 1

जगत निवास शर्मा सुभाष इंटर कॉलेज में एलटी (लाइसेंस ऑफ टीचिंग) ग्रेड के टीचर हैं। उनके पास हाईस्कूल तक फिजिक्स पढ़ाने की पात्रता है लेकिन उन्होंने इंटर का इवैलुएटर बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। प्रिंसिपल ने आवेदन फॉरवर्ड कर दिया और माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उन्हें इंटर का इवैलुएटर बना दिया हैं। वे जीआईसी पर मूल्यांकन कर रहे हैं।

केस 2

महेन्द्र पाल सिंह विष्णु इंटर कॉलेज में अंग्रेजी के टीचर हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उन्हें कन्नड़ भाषा के पेपर का इवैलुएटर बना दिया है। साथ ही उनकी ड्यूटी एफआर इस्लामियां इंटर कॉलेज में इंटर की आंसर शीट्स के मूल्यांकन में लगा दी है। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि वे अब कैसे मूल्यांकन करें।

केस 3

कल्पना शर्मा विष्णु इंटर कॉलेज में अंग्रेजी की सहायक अध्यापक हैं, लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उन्हें पाली भाषा के मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी हैं। साथ ही उनकी ड्यूटी बिशप मंडल इंटर कॉलेज में लगा दी है।

केस 4

शिशुपाल सिंह सुभाष इंटर कॉलेज आंवला में संस्कृत के टीचर हैं, लेकिन उनकी ड्यूटी हाईस्कूल की प्रारंभिक गणित की आंसर शीट्स जांचने में लगा दिया है। वे बिशप मंडल इंटर कॉलेज में मूल्यांकन करेगा।

इंतजाम किया गया दावा

यह चार केस तो बानगी भर हैं। ऐसे करीब चार दर्जन टीचर्स हैं, जो अयोग्य हैं और मूल्यांकन करेंगे। इस संबंध में जब क्षेत्रीय बोर्ड के सचिव विनोद कृष्ण से बात की गई, तो उन्होंने कहा माध्यमिक शिक्षा परिषद मूल्यांकन के लिए आवेदन करने वाले टीचर्स को सब्जेक्ट आवंटित कर देता है। उन्होंने बताया कि कुछ टीचर्स इसमें हेरफेर करते हैं। इसी हेरफेर को रोकने के लिए जेडीई शिव प्रसाद द्विवेदी ने हर सेंटर्स पर दो-दो पर्यवेक्षक बैठाए हैं। साथ ही सभी डिप्टी हेड इवैलुएटर को निर्देश दिए हैं कि जो भी इवैलुएटर मूल्यांकन करें, उनका सूची से मिलान कर दें। गड़बड़ी पाए जानें पर तत्काल डीआईओएस को सूचित करें। वहीं, उन्होंने बताया कि नियमानुसार एलटी ग्रेड का टीचर इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं कर सकता है।

जेडीई ने किया निरीक्षण

थर्सडे बिशप मंडल इंटर कॉलेज, गुलाब राय इंटर कॉलेज और केडीईएम इंटर कॉलेज पर हाईस्कूल का मूल्यांकन हुआ। इसके अलावा जीआईसी और एफ आर इस्लामियां इंटर कॉलेज पर इंटर की आंसर शीट्स जांची गई। मूल्यांकन से पहले हर सेंटर पर डीएचई ने इवैलुएटर के साथ मीटिंग की। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से मूल्यांकन के लिए जारी की गई गाइडलाइन के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि किसी स्टूडेंट्स का जीरो आता है, तो उसकी कॉपी दोबारा जांची जाएगी। वहीं, किसी स्टूडेंट के 90 फीसदी से अधिक अंक आते हैं, तो परिषद उसकी स्क्रीनिंग कराएगा। उधर, जेडीई शिव प्रसाद द्विवेदी ने जीआईसी, बिशप मंडल इंटर कॉलेज, केडीईएम और गुलाब राय इंटर कॉलेज पर मूल्यांकन का निरीक्षण किया। उन्हें नियमानुसार मूल्यांकन होते हुए मिला।

टीचर्स मूल्यांकन के लिए खुद आवेदन करते हैं। आवेदन के आधार पर माध्यमिक शिक्षा परिषद टीचर्स की ड्यूटी लगा देता है। नियमानुसार एलटी ग्रेड का टीचर इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं कर सकता है।

विनोद कृष्ण, सचिव क्षेत्रीय बोर्ड परिषद