-पहले दिन ही खुली माध्यमिक शिक्षा परिषद की पोल

-पेपर की शाब्दिक गलतियों ने स्टूडेंट्स को किया परेशान

>BAREILLY: यूपी बोर्ड का एग्जाम में अव्यवस्था हावी रही। थर्सडे को हिन्दी के पेपर में इतिहास का सवाल पूछा गया। इसके अलावा हिन्दी के पेपर में शाब्दिक गलतियों ने स्टूडेंट्स को काफी परेशान किया। पेपर की गलतियों से नाराज स्टूडेंट्स ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। उनके मा‌र्क्स कम आएंगे।

दूसरी पाली में हुआ था पेपर

हाईस्कूल और इंटर के एग्जाम का शंखनाद थर्सडे को हिन्दी के पेपर के साथ हुआ। सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुई पहली पाली में हाईस्कूल के स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया। वहीं, दूसरी पाली दोपहर दो बजे शुरू हुई। सर्चिग के बाद इंटर के स्टूडेंट्स बेसब्री से पेपर मिलने का इंतजार कर रहे थे। स्टूडेंट्स उस वक्त हैरान रह गए, जब उन्हें पेपर मिला और उन्होंने पढ़ना शुरू किया। पहले क्वेश्चन के खंड 'ग' में इतिहास का सवाल पूछा गया। खंड में क्वेश्चन था कि 'जलियावाला बाग हत्याकांड हुआ'। इसमें सही आंसर के लिए चार ऑप्शन भी दिए हुए है। इतना ही नहीं पेपर में कई शब्द गलत लिखे हुए थे। क्वेश्चन नंबर तीन के खंड 'क' में लिखे गद्य में जाएं कि जगह जायं लिखा है। इसके अलावा इसी प्रश्न के दूसरे खंड में 'टानिक' लिखा है, जबकि सही शब्द टॉि1नक है।

स्टूडेंट्स ने जताई नाराजगी

पेपर की गलतियों पर स्टूडेंट्स ने नाराजगी जताई। उन्होंने इंविजिलेटर्स के सामने अपना पक्ष रखा। लेकिन, इंविजिलेटर्स ने कोई भी मदद नहीं कर पाने की बात बोलते हुए पल्ला झाड़ लिया। वहीं, स्टूडेंट्स ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की गलती का असर उनके भविष्य पर पड़ेगा। मूल्यांकन में उनके नंबर कम होंगे।

पेपर में काफी गलतियां हैं। इंविजिलेटर को गलतियों के बारे में बताया दिया है। लेकिन, उन्होंने कोई मदद नहीं की। इन गलतियों का असर रिजल्ट पर पड़ेगा।

हर्ष, स्टूडेंट

गलतियां बताती हैं कि पेपर बनाते वक्त कितनी लापरवाही बरती गई है। इन गलतियों ने जहां स्टूडेंट्स को परेशान किया। इसका असर उनके रिजल्ट पर भी पड़ेगा। इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

डॉ। गोविंद दीक्षित, टीचर हिन्दी