ये है प्लान

विदेशों में बढ़ती रोजगार की मांग व विदेशियों भाषाओं में कॅरियर की संभावनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बोर्ड ने यह फैसला किया है।

9 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए 6 विदेशी भाषाओं के विकल्प तैयार किए गए हैं जिसमें स्पेनिश, जर्मन, जापानी, फारसी, अरबी, उर्दू शामिल हैं।

13 रीजनल लैंग्वेज को भी बोर्ड ने इसमें शामिल किया है जिसमें अरबी, फारसी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयालम, मराठी, कश्मीरी, पाली, सिंधी, उडि़या, गुजराती शामिल हैं।


 

यह है स्थिति

- 402 माध्यमिक शिक्षा सें संबंधित स्कूल

- 1.70 स्टूडेंट्स 9वीं से 12वीं तक पढ़ते हैं इन स्कूलों में

- 38 राजकीय स्कूल

- 133 एडिड स्कूल

- 223 वित्त विहीन स्कूल

बच्चों का रूझान न होने की वजह से स्कूलों में इस तरह के कोर्स अभी शुरु नहीं किए गए हैं

 

बोर्ड की ओर से नई विदेशी भाषाओं को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। विभाग से विवरण भी मांगा गया है।

- सरदार सिंह, डीआइर्ओएस, मेरठ

 

विदेशी भाषाओं में बच्चों के लिए काफी संभावनाएं हैं। इन लैंग्वेज जरिए बच्चे अलग क्षेत्र में कॅरियर बनाकर अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं।

- नीरा तोमर, प्रिंसिपल, श्री मल्हू सिंह आर्य कन्या इंटर कॉलेज