इन जगहों को खास सहूलियत

नई नीति में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बुंदेलखंड और पूर्वांचल में निवेश करने पर राज्य सरकार खूब सहूलियतें भी देगी. इसमें सरकार को करीब 1831 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस फैसले से सूबे में ग्रीन इनर्जी का उत्पादन बढ़ने के साथ पर्यावरण को साफ रखने में भी काफी मदद मिलेगी.

10 हजार सूर्य मित्र होंगे तैनात

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि नीति में दस हजार सूर्य मित्र तैनात करने का प्रावधान किया गया है. इन्हें सोलर एनर्जी की तकनीकों की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. यह योजना पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लागू की जानी है. सौ मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाले को सरकार 15 से 30 हजार रुपये प्रति किलो वाट का अनुदान देगी. वहीं राज्य सरकार रेस्को मोड के जरिए सभी पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पतालों की छतों पर यूपीनेडा की मदद से सौर ऊर्जा के प्लांट लगाएगी, जिसके लिए एक एमओयू भी साइन किया जाएगा.

लाइसेंस लेना अनिवार्य

निजी बिल्डिंग, मॉल इत्यादि में सौर ऊर्जा का प्लांट लगाने में इंस्पेक्टर राज को खत्म कर दिया गया है. अब कोई भी किसी भवन का निरीक्षण करने नहीं जाएगा हालांकि इसका लाइसेंस लेना अनिवार्य है. इसके अलावा राज्य सरकार सौर ऊर्जा के उत्पादन पर अलग-अलग तरह की तमाम सब्सिडी देगी. इसमें स्टांप ड्यूटी में छूट आदि शामिल है. वहीं राज्य सरकार अपने पैसों से ट्रांसमिशन लाइन की व्यवस्था भी करेगी. सोलर पार्क बनाने पर इंसेंटिव दिया जाएगा.

शादी के अनुदान पर भी चर्चा

इसके अलावा कैबिनेट ने मार्च में होने वाली शादियों में मिलने वाले अनुदान में आने वाली दिक्कतों पर भी चर्चा किया. इस मामलें में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि आखिर हम शादी के बाद अनुदान राशि देने के बजाय पहले ही क्यों नहीं दे सकते हैं. इस पर कैबिनेट के सदस्यों ने भी अपनी सहमति जताई. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जल्द ही इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया जाएगा.

केजीएमयू और पीजीआई की तरह खरीद सकेंगे दवाएं

दरअसल राज्य सरकार दवा खरीद के लिए एक नया पोर्टल लेकर आई है लेकिन अभी इसमें ज्यादातर दवाएं रजिस्टर्ड नहीं हो सकी है. इसलिए राज्य सरकार ने केजीएमयू और पीजीआई को जिस रेट पर दवाएं सप्लाई की जाती है, उस रेट पर खरीदने का फैसला लिया है. जबकि सर्जिकल उपकरण खरीदने के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल का तरीका अपनाया जाएगा.

निवेशकों को सहूलियतें

सूबे में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने तीन संशोधनों को मंजूरी दी है. इससे श्रमिकों के कल्याण के साथ उद्योगपतियों को  भी सुविधा मिलेगी. पहला संशोधन रजिस्ट्रेशन की समय सीमा को लेकर है. अब अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने पर 90 दिन के भीतर अनुमति नहीं मिलती है तो इसे स्वीकार माना जाएगा. दूसरा, जिन श्रमिकों की दुघर्टना में मृत्यु आदि होने पर उनके परिजन अनपढ़ होने की वजह से पत्राचार नहीं कर पाते थे, उनके लिए राज्य सरकार एक अधिकारी को नामित करेगी. वह उनकी ओर से इस बाबत लिखा-पढ़ी करने काम करेंगे. तीसरा, उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर अब राज्य सरकार सेस कर नहीं लेगी.

इन पर भी सहमति

- वाराणसी में बंदरगाह के लिए सिंचाई विभाग की  भूमि दी जाएगी

- मध्य गंगा नहर परियोजना की पुनरीक्षित लागत 4417 करोड़ को मंजूरी, अमरोहा, मुरादाबाद और संभल को मिलेगा फायदा

-सरयू नहर परियोजना की पुनरीक्षित लागत 9803 करोड़ को मंजूरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बलरामपुर, महराजगंज, बस्ती, गोर समेत  कई जनपद होंगे लाभांवित

- नोएडा भवन नियमावली में संशोधन, अब ग्रीन बिल्डिंग की एफएआर देने में आसानी होगी.

- नोएडा के जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना के लिए 3000 हजार हेक्टेयर जमीन खरीदने को मंजूरी.

- प्रदेश में जल्द डीपीओ और एडीपीओ की  भर्तियां शुरू होंगी. सालों से  भर्ती और प्रमोशन पर लगी थी रोक.

- मिट्टी से जुड़े खनन के लिए डीएम पट्टा दे सकेंगे. इसका फायदा रेलवे व सड़क परियोजनाओं को मिलेगा.

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