-यूपी कॉलेज व अग्रसेन पीजी कॉलेज पर UGC से स्वायत्तशासी का नवीनीकरण न कराने का आरोप

-अस्थायी डिग्री के लिए प्रत्येक छह महीने में परीक्षार्थियों को जमा करनी पड़ रही फीस

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एडमिनिस्ट्रेशन ने ख्0क्ब् से उदय प्रताप महाविद्यालय व अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज के विभिन्न कोर्सेज की डिग्री पर रोक लगा दिया है। दोनों कॉलेजेज पर यूजीसी से स्वायत्तता का नवीनीकरण अब तक न कराने का आरोप है। यूजीसी से यूपी कॉलेज व अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज को ख्0क्ख्-क्फ् तक के लिए स्वायत्तता मिली थी। इसके बाद दोनों कॉलेजेज ने स्वायत्तशासी कॉलेज होने का नवीनीकरण नहीं कराया। इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी परीक्षा समिति ने ख्0क्फ् तक के परीक्षार्थियों की ही डिग्री जारी कर रहा है।

अस्थायी से चला रहे काम

सन् ख्0क्ब्, ख्0क्भ् व ख्0क्म् के परीक्षार्थी अस्थायी डिग्री से काम चला रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कई संस्थाएं परीक्षा उत्तीर्ण करने के दो साल तक ही अस्थायी डिग्री मान्य करते हैं। वहीं अस्थायी उपाधि छह महीने के लिए वैध मानी जाती है। ऐसे में प्रत्येक छह महीने बाद अस्थायी डिग्री लेने के लिए कॉलेज का चक्कर काटना पड़ता है। इतना ही नहीं प्रत्येक छह महीने में अस्थायी डिग्री की फीस भी जमा करना पड़ता है।

स्वायत्तशासी के नवीनीकरण के लिए यूजीसी को पत्र भेजा जा चुका है। इसके लिए यूजीसी ने समिति भी गठित कर दी है। बावजूद विद्यापीठ वर्ष ख्0क्ब् से छात्रों की उपाधि नहीं दे रहा है। जबकि वर्ष ख्0क्ब् के परीक्षार्थियों की सीडी व टीआर भी विश्वविद्यालय में जमा किया जा चुका है।

डॉ। एसएन सिंह, प्रिंसिपल

उदय प्रताप महाविद्यालय

परीक्षा समिति के आदेश पर दोनों कॉलेजेज के परीक्षार्थियों की डिग्री सन् ख्0क्फ् तक निर्गत की जा चुकी है। परीक्षा समिति की संस्तुति न होने के कारण दोनों कॉलेजेज के परीक्षार्थियों की सन् ख्0क्ब्, ख्0क्भ् व ख्0क्म् की डिग्री रोकी गई है।

ओम प्रकाश, रजिस्ट्रार

काशी विद्यापीठ