टीम अखिलेश को संगठन में जगह

LUCKNOW: उम्मीद थी कि आज सपा और कांग्रेस के गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो जाएगा लेकिन दिन बीतने के साथ ही यह संभावना खत्म हो गयी। सपा में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की शर्त के एवज में सौंपी गयी प्रत्याशियों के नामों की सूची पर निर्णय नहीं लिया जा सका। तय हुआ कि सारे मसले सुलझा लेने के बाद ही गठबंधन का ऐलान किया जाएगा। यही वजह रही कि सपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने दिन भर चुप्पी साधे रखी। वहीं देर शाम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बर्खास्त युवा नेताओं की वापसी का फरमान जारी करने के साथ ज्यादातर को उनके पुराने पद भी सौंप दिए।

पांच एमएलसी समेत नौ युवा नेता वापस

अखिलेश यादव ने पांच एमएलसी समेत नौ युवा नेताओं का निष्कासन वापस ले लिया है। इनमें एमएलसी संजय लाठर, सुनील सिंह यादव 'साजन', आनंद भदौरिया, अरविंद प्रताप सिंह, उदयवीर सिंह तथा लोहिया यूथ बिग्रेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे, युवजन सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव, यूथ बिग्रेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद तथा छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह 'देव' शामिल हैं। इसके साथ ही गीता सिंह को समाजवादी महिला सभा का प्रदेश अध्यक्ष, आनंद अग्रवाल को समाजवादी व्यापार सभा का प्रदेश अध्यक्ष, बृजेश यादव को युवजन सभा का प्रदेश अध्यक्ष, प्रदीप तिवारी को लोहिया वाहिनी का प्रदेश अध्यक्ष, मोहम्मद एबाद को मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड का प्रदेश अध्यक्ष तथा दिग्विजय सिंह 'देव' को छात्र सभा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। वहीं पूर्व राज्यसभा सांसद व वर्तमान एमएलसी अरविंद सिंह को पार्टी का कार्यालय सचिव बनाया गया है।

लोकदल की सक्रियता बढ़ी

दिन भर चले सियासी घटनाक्रम में फिर से लोकदल का सुर्खियों में आना अचरज भरा रहा। चर्चा रही कि अखिलेश खेमा जिन सपा नेताओं को टिकट नहीं देगा, उन्हें लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ाया जाएगा। वहीं साइकिल सिंबल मिलने के बाद अखिलेश यादव ने पूरा ध्यान प्रत्याशियों की सूची फाइनल करने और गठबंधन को लेकर रणनीति तैयार करने में बिताया। इस बीच कुछ मंत्रियों और विधायकों ने उनसे मुलाकात भी की। खास बात यह भी रही कि मुख्यमंत्री आवास गये दो मंत्री और एक विधायक को गेट से बैरंग वापस कर दिया गया। देर शाम अखिलेश और कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के बीच मुलाकात होने की संभावना भी जताई जा रही थी लेकिन इसे भी टाल दिया गया।