जितिन प्रसाद:

कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद 2004 में शाहजहांपुर से और 2009 में धौरहरा से सांसद रहे। जिससे केंद्र सरकार में मंत्री भी रहें। हालांकि 2014 में यह चुनाव हार गए थे। ऐसे में अब इस साल यह विधानसभा चुनाव में यह तिलहर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे हैं।

राजाराम पाल:

कानपुर देहात की अकबरपुर सीट से कांग्रेस सांसद रहे राजाराम पाल इस बार महराजगंज विधानसभा सीट से प्रत्याशी बने हैं।

बीएल खाबरी:

वहीं बीएसपी से राज्यसभा सांसद रहे बीएल खाबरी अब कांग्रेस की तरफ से ललितपुर की मेहरोनी सीट से अपनी किस्मत विधायकी में आजमा रहे हैं।

चेतन चौहान:

पूर्व सांसद और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान का नाम भी इस सूची में शामिल है। इस बार यह अमरोहा जिले की नौगांव सादात से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

रुवाब सईदा:

डॉ.वकार अहमद की पत्नी रुवाब सईदा भी सांसद बनने बाद अब विधायकी में किस्मत आजमा रही हैं। डॉ.वकार अहमद की पत्नी रुवाब सईदा बहराइच से सांसद रह चुकीं हैं। इस बार यह बहराइच की सदर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।

सुशीला सरोज:

पूर्व सांसद सुशीला सरोज भी अब विधायक बनने की जुगत में हैं। इस बार समाजवादी पार्टी की ओर हरदोई की ही बालामऊ सीट से वह प्रत्याशी बनी हैं।

ऊषा वर्मा:

वहीं सांसद रह चुकी ऊषा वर्मा को समाजवादी पार्टी ने हरदोई की सांडी से टिकट दिया है। यह भी अब विधायक बनने की कोशिश में हैं।

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दारा सिंह चौहान:

पूर्व सांसद रहे दारा सिंह चौहान का नाम भी इसमें लिस्ट में शामिल है। यह इस साल मऊ की मधुबन सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।  

अशोक चंदेल:

हमीरपुर से बीएसपी के पूर्व सांसद रहे अशोक चंदेल भी मैदान में उतरे हैं। इस बार यह बीजेपी के टिकट पर हमीरपुर से उम्मीदवार बने हैं।

राममूर्ति वर्मा:

सपा के पूर्व सांसद राममूर्ति वर्मा भी इस बार विधायक बनने के लिए किस्मत आजमा रहे हैं। यह शाहजहांपुर की ददरौल से प्रत्याशी बने हैं।

कमल किशोर:

बहराइच से सांसद रह चुके कमांडो कमल किशोर भी इस बार विधायक बनने की कोशिश में हैं। वह गोरखपुर की खजनी सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी बने हैं।

एसपी सिंह बघेल:

वहीं पूर्व सांसद प्रो.एसपी सिंह बघेल भी फिरोजाबाद की टूंडला विधानसभा सीट से किस्मत आजमाने उतरे हैं।

सुरेन्द्र गोयल:

गाजियाबाद से सांसद रहे सुरेन्द्र गोयल इस बार मुरादनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे हैं।

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धनंजय सिंह:

धनंजय सिंह का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। 2002 में रारी सीट से निर्दल विधायक बने धनंजय सिंह साल 2004 में जौनपुर से लोकसभा उतरे थे।  जहां इन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद साल 2007 में फिर रारी से जेडीयू विधायक बने और फिर 2009 में बसपा से जौनपुर के सांसद बने। इसके बाद2014 में जौनपुर लोकसभा सीट से निर्दल प्रत्याशी के रूप में उतरे थे और हार गए थ्ो। इस बार यह निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल निषाद पार्टी ने जौनपुर की मल्हनी से चुनाव मैदान में प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं।

कमला रावत:

सांसद रहे कमला रावत भी बीएसपी के टिकट पर बाराबंकी की हैदरगढ़ सीट से किस्मत आजमा रहे हैं।

रमेश तोमर:

इसके अलावा चार बार सांसद रहे रमेश तोमर का नाम भी इसमें शामिल हैं। बीजेपी ने उन्हें इस बार धौलाना से विधानसभा का टिकट दिया है।

रामरती बिंद:

वहीं पूर्व सांसद रामरती बिंद भी भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधानसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं।

पारसनाथ यादव:

जौनपुर की मल्हनी सीट से पूर्व सांसद पारसनाथ यादव भी इस बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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राजेश मिश्रा:

कांग्रेस से दो बार एमएलसी रहे डॉ राजेश मिश्रा 2004 में वाराणसी से सांसद बने थे। इसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार यह भी विधायक बनने की जुगत में हैं। डॉ राजेश मिश्रा इस बार वाराणसी की दक्षिण विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं।

बृजेश पाठक:

उन्नाव से 2004 में बसपा के टिकट पर सांसद बने बृजेश पाठक भी इस लिस्ट में शामिल हैं। बृजेश पाठक इसके बाद दो बार राज्यसभा सदस्य बने लेकिन  2009 में लोकसभा चुनाव में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार यह लखनऊ मध्य से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं।

अवतार सिंह:

पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना भी सांसद बनने के बाद इस बार विधायक बनने की कोशिश में हैं। अवतार सिंह 1991 हरियाणा से, 1999 में मेरठ से, 2004 और 2009 फरीदाबाद से सांसद रह चुके हैं। इस बार यह बीजेपी के टिकट पर मीरापुर से उम्मीदवार हैं।

दाऊद अहमद:

शाहाबाद सीट से सांसद रहे दाऊद अहमद भी विधायकी के लिए मैदान में उतरे हैं। वह इस बार लखीमपुर की मोहम्मदी सीट से बसपा प्रत्याशी हैं।

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